कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का खास महत्व: बिहार में कोरोना गाइडलाइंस जारी, नदी-तालाब में डुबकी लगाने से बचने की सलाह

Kartik Purnima 2020: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है. इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ और ईश्वर की उपासना की जाती है. इस बार कोरोना संकट में खास गाइडलाइंस जारी की गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2020 3:24 PM
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Kartik Purnima 2020: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है. इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ और ईश्वर की उपासना की जाती है. इस बार कोरोना संकट में खास गाइडलाइंस जारी की गई है. लेकिन, पहले बात करते हैं कार्तिक पूर्णिमा की. कार्तिक पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले दान-पुण्य समेत दूसरे धार्मिक कार्य विशेष फल देने वाले होते हैं. पुराणों में जिक्र है कि कार्तिक पूर्णिमा की शाम को भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था. धार्मिक मतों के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवाधिदेव महादेव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था. इस कारण इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं. इस बार कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को सोमवार के दिन है. बिहार सरकार के कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष गाइडलाइंस भी जारी किया है.

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