VIDEO: जहां बना था रामसेतू, वहां पहुंचे पीएम मोदी पीएम मोदी पहुंचे रामसेतू

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के दौरे पर हैं. इस बीच पीएम मोदी की कुछ तस्वीर सामने आई है जिसमें वे पूजा करते नजर आ रहे हैं. रविवार को उन्होंने धनुषकोडी में अरिचल मुनाई प्वाइंट का दौरा किया. इसके बारे में कहा जाता है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था.

By Mahima Singh | January 21, 2024 1:05 PM
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अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के दौरे पर हैं. इस बीच पीएम मोदी की कुछ तस्वीर सामने आई है जिसमें वे पूजा करते नजर आ रहे हैं. रविवार को उन्होंने धनुषकोडी में अरिचल मुनाई प्वाइंट का दौरा किया. इसके बारे में कहा जाता है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज के कार्यक्रम पर नजर डालें तो वो उन्होंने धनुषकोडी में श्री कोठंडारामस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की. कोठंडाराम का अर्थ है धनुषधारी राम… यह मंदिर श्री कोठंडाराम स्वामी को समर्पित है. कोठंडाराम नाम का अर्थ धनुषधारी राम है. यह धनुषकोडी नामक स्थान पर स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर विभीषण पहली बार श्री राम से मिले थे और उनसे शरण मांगी थी. इसके बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि यही वह स्थान है जहां श्री राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था. शनिवार को पीएम मोदी श्रीरंगम और रामेश्वरम में क्रमशः श्री रंगनाथस्वामी और अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिरों का दौरा किया था. रामायण से जुड़े तमिलनाडु के मंदिरों का उनका दौरा सोमवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से ठीक पहले हो रहा है. रामकथा के मुताबिक, युद्ध शुरू होने से पहले रावण के भाई विभीषण ने रावण को समझाने की कोशिश की थी. विभीषण का कहना था कि रावण सीताजी को वापस लौटा दे और क्षमा मांग ले. विभीषण की इस बात को रावण ने राजद्रोह माना और उसे लात मारकर लंका से निकाल दिया. इसके बाद विभीषण लंका से निकलकर सागर पार श्रीराम के शरण में पहुंचे थे, जहां उनकी भेंट पहली बार श्रीराम से हुई. श्रीराम का सागर किनारे जहां शिविर था, उसी के नजदीक एक स्थान से रामसेतु बनना शुरू हुआ था. यही स्थान आज अरिचल मुनाई पॉइंट कहलाता है. यह तमिलनाडु के धनुषकोडि जिले में है, वहीं जिस स्थान पर विभीषण श्रीराम से पहली बार मिलने आए और उनका राज्याभिषेक हुआ, आज वहां श्री कोठंडारामा स्वामी मंदिर बना हुआ है.

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