दिसंबर आने के साथ ही क्रिसमस का उल्लास चारों तरफ छा जाता है. चारों तरफ क्रिसमस त्यौहार की तैयारियां शुरु हो गई है. बाजार में अलग-अलग तरह के सजावट के सामान बिक रहे हैं. क्रिसमस एक प्रमुख ईसाई त्यौहार होने के बावजूद पूरे देश में हर धर्म द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने परिवार और प्रियजनों के साथ मिलकर अपने रिश्तेदारों से मिलकर एक दूसरे को उपहार प्रदान करते हैं और मेरी क्रिसमस बोल कर बधाई देते हैं. इस दिन लोग अपने परिवार जनों और रिश्तेदारों को उपहार भी देते हैं. आज हम जानेंगे कि आखिर क्रिसमस मनाने की शुरूआत कब और कहां से हुई. अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीकों से इसे मनाया जाता है. क्रिसमस के पहले से ईसाई समुदाय के लोग चर्च में जाकर केरोल्स गाते हैं और प्रार्थना करते हैं. इन दिनों के बीच चर्च में ईशा मसीह की जन्मगाथा भी दिखाई जाती है. इन्हें झांकियों के माध्यम से जन्मगाथा दिखाई जाती है. 24-25 दिसंबर की रात प्रार्थना कर धार्मिक गीत गाए जाते हैं. इसके बाद 25 दिसंबर को क्रिसमस ट्री को सजाकर चर्च में रखा जाता है और लोगों के बीच चॉकलेट, केक और मिठाई बांटकर खुशियां मनाई जाती है. क्रिसमस शब्द की उत्पति क्राईस्ट मार्स से हुई है. पहली बार इसे रोमन शासन काल के दौरान मनाया गया है. इसे पहली बार 366 में मनाया गया. इसके कुछ सालों बाद ही पोप जुलियल ने आधिकारिक तौर पर जीसस क्राइस्ट का जन्मदिवस 25 दिसंबर को मनाने का एलान किया.
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