Viral Video: पिल्लों को दूध नहीं पिला रही थी मां, कान पकड़कर लाए भावुक बच्चे

Viral Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ बच्चे एक मदर डॉगी को कान पकड़कर लाते हैं और उसके भूखे बच्चों को दूध पिलावाते हैं.

By Anant Narayan Shukla | May 12, 2025 11:09 AM
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Viral Video: मां की ममता की दुनिया भर में मिसाल दी जाती है. खुद कष्ट में रहते हुए अपने बच्चों के लिए वह अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देती है. यह धरती पर मौजूद अमूमन सभी जीवों में आम है, लेकिन कभी-कभी इससे उलट भी हो जाता है. सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने लाखों लोगों को इमोशनल कर दिया. इस वीडियो में एक मदर डॉगी अपने बच्चों को दूध नहीं पिलाती. भूख से तड़पते पिल्ले उसके आगे पीछे घूमते दिख रहे हैं, लेकिन डॉगी की दिल नहीं पसीजता. हालांकि इसके बाद एक व्यक्ति ने पिल्लों को दूध पिलाने के लिए उनकी मां को जबरन बैठाकर दूध पिलवाया.  

यह वीडियो संभवतः तमिलनाडु का बताया जा रहा है, जहां मदर डॉगी थकी, डरी और असहाय नजर आ रही है, जबकि उसके छोटे-छोटे बच्चे बुरी तरह भूखे हैं. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक बच्चा कुतिया को जबरदस्ती पकड़कर बैठाता है ताकि उसके बच्चे उसका दूध पी सकें. वह उसके कान पकड़कर लाता है और फिर लिटा देता है. (Viral Video Kids Force Mother Doggy to feed its Puppies) हालांकि वह भागने की कोशिश नहीं करती, लेकिन ऐसा लगा कि वह इसमें इंट्रेस्टेड नहीं थी. मां की आंखों में साफ थकावट और डर झलक रहा है और पिल्ले बेसब्री से दूध पीने की कोशिश करते हैं. खैर, व्यक्ति की सहृदयता रंग लाती है और पिल्ले छककर दूध पीते दिखते हैं. 

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस पर लोगों ने अपनी कई तरह की प्रतिक्रिया दी. कई लोग सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देखकर भावुक हो गए. कुछ का मानना है कि व्यक्ति का इरादा नेक था, वह भूखे बच्चों की जान बचाना चाहता था. लेकिन कुछ लोगों ने इसे जानवरों के साथ अमानवीय बर्ताव बताया.

एक यूजर ने लिखा, माँ कुतिया को कमज़ोरी महसूस हो सकती है. स्तनपान से बहुत नुकसान होता है. उन्हें माँ कुतिया को भी कुछ खाने को देना चाहिए था.” एक यूजर ने मजाक करते हुए लिखा, पपीज के लिए मानवता और मां के खिलाफ हिंसा. वहीं ज्यादातर लोग इससे प्रसन्न नजर आए. 

यह वीडियो न सिर्फ एक मां की असहायता को दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि हमें अब अपने आस-पास के बेजुबानों के लिए जागरूक और संवेदनशील होने की सख्त जरूरत है. उन्हें हमारी दया नहीं, समझ और सहयोग चाहिए. यह घटना दर्शाती है कि इंसान अगर चाहे तो बेजुबानों के लिए भी मसीहा बन सकता है. हमें जरूरत है ऐसे लोगों को पहचानने, सराहने और उनके जैसे बनने की.

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