ISKP से जुड़ी डिजिटल आतंकी
इस युवती ने इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) के लिए एक संगठित डिजिटल सेल खड़ा किया था. वह टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए 120 से अधिक लोगों को अपने नेटवर्क में जोड़ चुकी थी. इनमें से अधिकतर कभी आमने-सामने नहीं मिले, लेकिन वे मोबाइल और ऑनलाइन माध्यम से बम बनाने की तकनीक और कट्टरपंथी विचारों की ट्रेनिंग ले रहे थे.
19 Year Old Girl Leads Extremist Network: इस्तांबुल में पढ़ाई के दौरान आया बदलाव
जांच में सामने आया है कि यह लड़की 2022 में इस्तांबुल के एक निजी इस्लामी स्कूल में पढ़ने गई थी. वहां पढ़ाई के दौरान उसके विचारों में बदलाव आया और वह ISKP के संपर्क में आ गई. संगठन ने उसे उज्बेकिस्तान में एक नया सेल खड़ा करने का जिम्मा सौंपा, जिसे उसने गुपचुप तरीके से पूरा किया.
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टेलीग्राम बना प्रचार और प्रशिक्षण का अड्डा
इस पूरे नेटवर्क में टेलीग्राम ऐप अहम भूमिका निभा रहा था. युवती ने इस प्लेटफॉर्म पर कट्टरपंथी विचारों का प्रचार किया और एक सुरक्षित माध्यम के रूप में इसका इस्तेमाल कर नेटवर्क को चलाया. वह खुद संदेश भेजती, ट्रेनिंग मटेरियल शेयर करती और नए सदस्यों को जोड़ती थी.
सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक इस नेटवर्क के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. छापेमारी में 37 मोबाइल फोन, सैकड़ों धार्मिक किताबें, कई लैपटॉप, टैबलेट और मेमोरी डिवाइस जब्त की गई हैं. बाकी संदिग्धों की तलाश जारी है.
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19 Year Old Girl Leads Extremist Network: ISKP की नई रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि ISKP अब केंद्रीय एशियाई देशों जैसे उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान को अपना अगला ठिकाना बनाने की कोशिश कर रहा है. सोशल मीडिया और टेलीग्राम चैनलों के जरिए स्थानीय भाषाओं में प्रचार-प्रसार कर युवाओं को संगठन से जोड़ा जा रहा है. यह मामला दिखाता है कि आज आतंकवाद का चेहरा बदल रहा है. अब हथियारबंद नकाबपोश नहीं, बल्कि मोबाइल चलाने वाली पढ़ी-लिखी युवतियां भी नेटवर्क की कमान संभाल रही हैं.