AI Pregnant News : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद महिला हुई गर्भवती, जानें कितना आया खर्च

AI Pregnant News : STAR तकनीक खासकर उन पुरुषों के लिए वरदान साबित हो रही है जो एजोस्पर्मिया से पीड़ित हैं. इसका मतलब है जिनके वीर्य में कोई भी शुक्राणु नहीं पाया जाता. यह स्थिति अब तक संतानोत्पत्ति में सबसे बड़ी बाधा मानी जाती थी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है.

By Amitabh Kumar | July 5, 2025 7:45 AM
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AI Pregnant News : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने ऐसा कमाल किया है जिसकी चर्चा जोरों पर हो रही है. दरअसल, करीब 18 वर्षों से संतान की इच्छा रखने वाले एक शादीशुदा कपल को अब AI की मदद से माता-पिता बनने की उम्मीद जगी है1 पारंपरिक तकनीकों से असफल रहने के बाद AI ने उन सूक्ष्म शुक्राणुओं की पहचान की जिन्हें पहले नहीं पाया जा सका था. यह चमत्कारी तकनीक STAR (Sperm Tracking and Recovery) है, जिसे न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी फर्टिलिटी सेंटर में डेवलप किया गया है. यह तकनीक बांझपन के इलाज में नई उम्मीद बन रही है. यह तकनीक उन पुरुषों के लिए वरदान साबित हो रही है जो एजोस्पर्मिया से पीड़ित हैं. इसमें वीर्य में कोई शुक्राणु मौजूद नहीं होता और संतानोत्पत्ति असंभव हो जाती है.

तकनीक की प्रेरणा स्पेस रिसर्च से ली गई. कोलंबिया सेंटर के निदेशक डॉ. ज़ेव विलियम्स ने मामले को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा, “हम ब्रह्मांड में जीवन खोजने वाली तकनीक का इस्तेमाल अब धरती पर जीवन रचने के लिए कर रहे हैं.” इस तकनीक में हाई-रिजॉल्यूशन इमेजिंग से एक वीर्य सैंपल की 80 लाख फ्रेम्स को एक घंटे से कम समय में स्कैन किया गया. AI ने इनमें से तीन जीवित शुक्राणु खोज निकाले जो पारंपरिक तरीकों से नहीं दिख रहे थे.

दिसंबर में संतान को जन्म देगी महिला

AI द्वारा खोजे गए शुक्राणुओं को माइक्रो-रोबोट की मदद से बेहद सावधानी से निकाला गया. ऐसा इसलिए ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे. इसके बाद IVF प्रक्रिया द्वारा उन्हें महिला के अंडाणुओं से मिलाया गया. अब वह महिला पांच महीने की गर्भवती है और दिसंबर में संतान को जन्म दे सकती है. STAR तकनीक फिलहाल केवल कोलंबिया यूनिवर्सिटी में उपलब्ध है. इसकी कुल लागत लगभग 3,000 डॉलर (2.5 लाख रुपये) है, जो पारंपरिक IVF प्रक्रिया की तुलना में बहुत ही किफायती है.

शुक्राणु संख्या में गिरावट क्यों?

अमेरिका में लगभग 10 से 15% पुरुष बांझपन की समस्या से परेशानी झेल रहे हैं. वैश्विक स्तर पर भी शुक्राणु संख्या में गिरावट देखी जा रही है, जिसका कारण मोटापा, खराब खानपान, जीवनशैली और प्रदूषण माना जा रहा है. डॉ. विलियम्स ने बताया कि STAR तकनीक से कई और मरीजों का इलाज शुरू हो चुका है. उनके अनुसार, यह तकनीक पुरुषों को जैविक पिता बनने का नया अवसर प्रदान कर रही है.

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