एफबीआई की जांच में पता चला कि जब्बार ने दो होममेड बम भी तैयार किए थे, जो भीड़भाड़ वाले इलाके में लगाए गए थे. इसके अलावा, उसके ट्रक से आईएसआईएस का काला झंडा और अन्य संदिग्ध डिवाइस भी बरामद हुईं. हालांकि, कुछ डिवाइस काम नहीं कर रही थीं. अधिकारियों ने बमों के पास मौजूद लोगों से पूछताछ की लेकिन उनकी घटना में कोई भूमिका नहीं पाई गई.
एफबीआई के काउंटर-टेररिज्म डिवीजन के सहायक निदेशक क्रिस्टोफर राइया ने इसे आईएसआईएस से प्रेरित एक खतरनाक आतंकी हमला बताया. जब्बार ने तेज रफ्तार ट्रक से भीड़ पर हमला किया, जिसमें 14 लोग मारे गए और करीब 30 घायल हुए. घटना के बाद पुलिस के साथ मुठभेड़ में जब्बार मारा गया.
एफबीआई ने यह भी साफ किया कि इस हमले का टेस्ला साइबर ट्रक धमाके से कोई संबंध नहीं है. जब्बार के अतीत की जांच में पता चला कि वह 2007 में आर्मी में शामिल हुआ था और अफगानिस्तान में भी तैनात रहा. 2020 में उसने स्टाफ सार्जेंट की रैंक पर आर्मी छोड़ी. जांच में यह भी सामने आया कि 2023 में जब्बार ने इजिप्ट और टोरंटो की यात्राएं की थीं, लेकिन इन यात्राओं का मकसद अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि जब्बार का आतंकवाद की तरफ झुकाव कैसे हुआ और उसकी विदेशी यात्राओं का कोई संबंध इस घटना से है या नहीं.
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