Bangladesh Plane Crash : 1992 से अब तक बांग्लादेश एयरफोर्स में कम से कम 27 फाइटर जेट और ट्रेनर एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं. इन हादसों में कई जानें गई हैं. इससे उड़ान सुरक्षा, पुराने विमानों और सैन्य ठिकानों के आसपास बढ़ती आबादी को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है. सबसे गंभीर हादसा सोमवार को हुआ, जब बांग्लादेश एयरफोर्स का एफ-7 बीजीआई फाइटर जेट ढाका के उत्तरा स्थित मिलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज पर गिर गया. इस दुर्घटना में कम से कम 20 लोगों की मौत हुई और 171 घायल हुए. इसका वीडियो सामने आया है जो काफी डरावना है.
एक पूर्व वायुसेना अधिकारी के अनुसार, देश में पहले भी कई विमान हादसे हो चुके हैं, लेकिन यह अब तक का सबसे घातक हादसा है. इसमें सबसे ज्यादा जानें गईं. इस दुर्घटना ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों के ऊपर सैन्य प्रशिक्षण उड़ानों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि, पूर्व वायुसेना अधिकारियों का मानना है कि इस घातक दुर्घटना के पीछे बिना योजना के होते शहरी विस्तार हैं. इससे एयरक्राफ्ट मार्कर लाइन का उल्लंघन हुआ है. इसके अलावा कम क्षमतावाले पुराने विमानों का उपयोग जैसी वजहें हो सकती हैं.
#China made Bangladesh Air Force F-7 BGI jet crashed into Milestone School & College in #Uttara, #Dhaka, leaving one dead and multiple casualties.
— Sajeda Akhtar (@Sajeda_Akhtar) July 21, 2025
Such is the quality of #Chinese #Chengdu weapons, which was badly exposed during #OperationSindoor as well.#Crash #Bangladesh… pic.twitter.com/b7E46iss8w
विमान कॉलेज की इमारत से टकराया
शाम को जारी एक बयान में इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने बताया कि बीएएफ का एफ-7 बीजीआई फाइटर जेट बेस ए.के. खांडेकर से उड़ान भरने के तुरंत बाद टेक्निकल फॉल्ट का शिकार हो गया. पायलट ने विमान को घनी आबादी से दूर ले जाने की पूरी कोशिश की, लेकिन असफल रहे और विमान कॉलेज की इमारत से टकरा गया.
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बांग्लादेश में विमान हादसों का इतिहास
हालिया आंकड़ों के अनुसार, पिछले 20 वर्षों (2005 से अब तक) में बांग्लादेश एयरफोर्स के विमान कम से कम 11 बार दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं. इनमें से 7 हादसे चीनी निर्मित विमानों, 3 रूसी निर्मित विमानों, और 1 चेकोस्लोवाकियाई निर्मित विमान से जुड़े थे. वायुसेना अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश विमान हादसे टेक्निकल फॉल्ट के कारण हुए, जबकि कुछ में ह्यूमन एरर भी जिम्मेदार रही.
9 मई 2024 को चटग्राम के पटेंगा क्षेत्र में प्रशिक्षण के दौरान एक रूसी याक-130 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसका संभावित कारण पायलट की गलती बताया गया. इस हादसे में स्क्वाड्रन लीडर असीम जवाद की मौत हो गई, जबकि सह-पायलट जीवित बच गए.
23 नवंबर 2018 को मधुपुर में एक चीनी एफ-7बीजी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में विंग कमांडर अरिफ अहमद दीपु की मृत्यु हो गई, हालांकि उन्होंने विमान से बाहर निकलने की कोशिश की थी, लेकिन जान नहीं बच सकी.
1 जुलाई 2018 को जेसोर के पास रात के प्रशिक्षण के दौरान एक चीनी-पाकिस्तानी के-8डब्ल्यू ट्रेनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में दो स्क्वाड्रन लीडर्स की मौत हो गई.
27 दिसंबर 2017 को महेशखाली द्वीप, कॉक्स बाजार के ऊपर दो रूसी याक-130 जेट आपस में हवा में टकरा गए. हालांकि हादसा गंभीर था, लेकिन सभी चार पायलट समय पर विमान से बाहर निकलने में सफल रहे और सुरक्षित बच गए.
11 जुलाई 2017 को लोहारागा, चटग्राम में प्रशिक्षण के दौरान एक और याक-130 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हालांकि विमान को भारी नुकसान हुआ, लेकिन दोनों पायलट सुरक्षित बच गए.
29 जून 2015 को चटग्राम के तट से दूर बंगाल की खाड़ी में एक चीनी एफ-7एमबी लड़ाकू विमान लापता हो गया. इस हादसे में फ्लाइट लेफ्टिनेंट ताहमिद लापता हो गए और उन्हें मृत मान लिया गया.
8 अप्रैल 2012 को मधुपुर, टांगाइल में एक चेकोस्लोवाकियाई एयरो एल-39 ट्रेनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में पायलट ऑफिसर शरीफुल हक की मृत्यु हो गई, जबकि स्क्वाड्रन लीडर राशिद घायल हो गए.
20 दिसंबर 2010 को बरिशाल एयरपोर्ट के पास दो चीनी पीटी-6 प्रशिक्षण विमान आपस में टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गए. इस हादसे में दोनों स्क्वाड्रन लीडर्स की मौत हो गई.
8 अप्रैल 2008 को घाटाइल, टांगाइल में एक चीनी एफ-7 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. स्क्वाड्रन लीडर मोर्शेद हसन ने विमान से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन उनकी मौत हो गई.
BDnews24.com की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 1993 से 2006 के बीच 16 विमान और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुए, जिनमें बांग्लादेश एयरफोर्स के 14 पायलटों की मौत हो गई. यह आंकड़ा वायुसेना में सुरक्षा और तकनीकी खामियों को लेकर गंभीर चिंताओं को दर्शाता है.
मारे गए पायलटों में स्क्वाड्रन लीडर्स, फ्लाइट लेफ्टिनेंट्स, विंग कमांडर्स, फ्लाइंग ऑफिसर्स, वारंट ऑफिसर्स और कैडेट पायलट्स शामिल थे.
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