China Accuses Foreign Agencies: कौन कर रहा है चोरी? चीन ने लगाया चौंकाने वाला आरोप, जानिए पूरा मामला

China Accuses Foreign Agencies: चीन ने विदेशी खुफिया एजेंसियों पर रेयर अर्थ मटीरियल की चोरी का आरोप लगाया है. सुरक्षा मंत्रालय ने तस्करी के कई तरीकों का खुलासा करते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया. चीन इस मटीरियल को रणनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करता है.

By Aman Kumar Pandey | July 18, 2025 9:41 AM
an image

China Accuses Foreign Agencies: चीन की एक प्रमुख सुरक्षा एजेंसी ने दावा किया है कि कुछ विदेशी खुफिया एजेंसियां उसके देश से रेयर अर्थ मटीरियल की चोरी में शामिल हैं. इस कथित जासूसी और तस्करी को लेकर चीन के सुरक्षा मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मंत्रालय ने हाल ही में वीचैट पर एक पोस्ट के जरिए इस मसले को सार्वजनिक किया, जिसमें कहा गया कि कुछ विदेशी जासूस और एजेंट चीन के भीतर अस्थिर तत्वों से मिलकर इस दुर्लभ मटीरियल को अवैध तरीके से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.

पोस्ट में बताया गया कि इन खुफिया एजेंसियों ने देश के भीतर अराजक लोगों को उकसाया और उनके जरिए चोरी की घटनाओं को अंजाम देने की योजना बनाई. मंत्रालय ने इसे चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा करार दिया और नागरिकों से अपील की कि वे रेयर अर्थ मटीरियल से जुड़ी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें.

चीन ने अपनी रिपोर्ट में तस्करी के तरीकों का भी खुलासा किया है. मंत्रालय के अनुसार, एक ठेकेदार ने पार्सलों पर “चीन में निर्मित नहीं” जैसे फर्जी लेबल लगाकर इन तत्वों को छिपाने की कोशिश की. इसके अलावा, तस्करों ने रेयर अर्थ मटीरियल के पाउडर को सिरेमिक टाइल्स के अंदर और मशीनरी पार्ट्स लिखी पानी की बोतलों में छुपाकर तस्करी की योजना बनाई. मंत्रालय का कहना है कि ऐसे प्रयासों को विफल किया गया है और संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है.

गौरतलब है कि चीन रेयर अर्थ मटीरियल को एक रणनीतिक संपत्ति मानता है. इन तत्वों का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, स्मार्टफोन, रक्षा उपकरण और हाइ-टेक इंडस्ट्री में होता है. बीते वर्षों में चीन ने इन मटीरियल्स को अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौतों में एक बार्गेनिंग चिप की तरह इस्तेमाल किया है. बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच जब ट्रेड वॉर चरम पर था, तब चीन ने इनकी सप्लाई पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी.

इसका असर कई अमेरिकी कंपनियों पर पड़ा, जिनमें फोर्ड मोटर कंपनी भी शामिल है, जिसे चीन के निर्यात नियंत्रण के बाद उत्पादन घटाना पड़ा. इसके साथ ही यूरोपीय संघ और चीन के संबंधों में भी इस मुद्दे को लेकर तनाव बढ़ा है, क्योंकि यूरोपीय देश भी काफी हद तक चीन की रेयर अर्थ सप्लाई पर निर्भर हैं.

हालांकि चीन ने अभी तक किसी विशेष देश का नाम सार्वजनिक रूप से नहीं लिया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि उसकी नजर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर है, जो बीजिंग की सप्लाई चेन से हटने की कोशिश कर रहे हैं. चीन के इस बयान को वैश्विक स्तर पर जियो-इकोनॉमिक तनाव के नए संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version