Coronavirus : बच्चों पर शुरू हुआ कोरोना का कहर, दो दिनों में दो की मौत

Coronavirus ने अब नौनिहालों को भी अपने चपेट में लेना शुरू कर दिया है. London में 13 वर्ष के एक बच्चे की मौत कोरोना के कारण हो गई है.बताया जा रहा है कि बच्चा दो दिन पहले ही लंदन के किंग अस्पताल में भर्ती हुआ था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. बच्चे के परिजनों ने बताया कि उसका नाम इस्माइल मोहम्मद अब्दुलवाब था और वो कोरोना से पीड़ित था. परिवार के एक करीबी ने बताया कि बच्चे को पहले टेस्ट किया ग या फिर उसे वेंटिलेटर पर रखा जिसके बाद वो कोमा में चला गया.

By AvinishKumar Mishra | April 1, 2020 11:18 AM
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लंदन : कोरोना वायरस ने अब नौनिहालों को भी अपने चपेट में लेना शुरू कर दिया है. लंदन में 13 वर्ष के एक बच्चे की मौत कोरोना के कारण हो गई है.बताया जा रहा है कि बच्चा दो दिन पहले ही लंदन के किंग अस्पताल में भर्ती हुआ था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

बच्चे के परिजनों ने बताया कि उसका नाम इस्माइल मोहम्मद अब्दुलवाब था और वो कोरोना से पीड़ित था. परिवार के एक करीबी ने बताया कि बच्चे को पहले टेस्ट किया गया फिर उसे वेंटिलेटर पर रखा जिसके बाद वो कोमा में चला गया.

लंदन की अखबार द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार किंग कॉलेज के डॉक्टर नेथली मेरकेट ने कहा, ‘कोविड-19 से संक्रमित 13 वर्षीय एक बच्चे की मौत के बारे में सुनकर हमें बहुत दुख हुआ है. जबकि हम जानते हैं कि बड़े वयस्कों की तुलना में बच्चों को गंभीर कोविद -19 संक्रमण होने की बहुत कम संभावना है. इस मामले बाद सभी को और सतर्क हो जाना चाहिए.’

बेल्जियम में 12 वर्षीय लड़की की मौत– इससे पहले, बेल्जियम में एक 12 वर्षीय लड़की की मौत कोरोनावायरस के कारण हो गयी है. एक सरकारी प्रवक्ता डा. इमैनुएल आंद्रे ने बताया, ‘कम उम्र में मौत होना एक असामान्य घटना है.’ इस बीमारी से जूझ रहे बेल्जियम में कोरोना वायरस से एक बच्चे की मौत होने का यह पहला मामला है.

बुजुर्गो में ज्यादा खतरा– कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौत के आंकड़ों पर नया अध्ययन सामने आया है. लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल नामक एक पत्रिका ने इसपर शोध किया है. शोध के मुताबिक अलग-अलग उम्र के हिसाब से कोरोना के कारण होने वाली मौत का आंकड़ा बदलता जाता है.

यह खतरा 0.0016 प्रतिशत से लेकर 7.8 प्रतिशत तक हो सकता है. स्थिति गंभीर होने और अस्पताल में भर्ती होने के मामले भी इसी हिसाब से बदलते हैं। 10 साल से कम उम्र में खतरा सबसे कम और 80 साल से ज्यादा की उम्र में सबसे ज्यादा होता है.

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