Bangladesh : विकलांग महिलाओं को प्रेग्नेंट होने का कोई हक नहीं? बांग्लादेश में स्थिति दयनीय

Bangladesh : डॉ. साहा का सुझाव है कि अगर चिकित्सा शिक्षा में विकलांग व्यक्तियों, खासकर महिलाओं के स्वास्थ्य देखभाल पर 1-2 घंटे का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाए, तो बड़ा असर हो सकता है. ढाका विश्वविद्यालय के शिक्षा और शोध संस्थान के प्रोफेसर डॉ. तारिक अहसान ने कहा कि यह केवल शारीरिक नहीं, मानसिक समस्याएं भी हैं.

By Amitabh Kumar | July 11, 2025 10:32 AM
an image

Bangladesh : “जब मैं स्त्री रोग जांच के लिए गई, तो अस्पताल की रैम्प टूट गई थी. अंदर जाने के बाद भी डॉक्टर ने मुझे गंभीरता से नहीं लिया, ऐसा लगा जैसे मैं महिला ही नहीं हूं.” ये शब्द थे सामिया (काल्पनिक नाम) के, जो एक शारीरिक रूप से विकलांग महिला हैं और व्हीलचेयर का इस्तेमाल करती हैं. खबर dhakatribune.com ने प्रकाशित की है. खबर में कहा गया हे कि नेशनल सर्वे ऑफ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीज़ (NSPD) के अनुसार, बांग्लादेश में 1.93 मिलियन महिलाएं किसी न किसी विकलांगता से जूझ रही हैं.

प्रजनन स्वास्थ्य सेवा मांगने पर किया जाता है भेदभाव

सर्वे में यह भी पता चला कि 57.12% विकलांग महिलाओं ने भेदभाव या उत्पीड़न का सामना किया है. सामिया का मानना है कि ज्यादातर विकलांग महिलाएं जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं, क्योंकि अस्पताल और क्लिनिक उनके लिए शारीरिक रूप से पहुंचने योग्य नहीं होते. इससे उनकी चिकित्सा देखभाल में बाधा आती है. उन्होंने कहा, “कई बार स्वास्थ्यकर्मी लापरवाही या समझ की कमी दिखाते हैं. जब हम यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं मांगते हैं, तो हमें अक्सर यह सोचकर भेदभाव का सामना करना पड़ता है. वे समझते हैं कि हमें ऐसी देखभाल की जरूरत नहीं है.”

कैसे पूरा होगा बांग्लादेश का सपना?

विमेन विद डिसएबिलिटीज़ डेवलपमेंट फाउंडेशन (WDDF) की चेयरपर्सन और प्रोग्राम डायरेक्टर शिरीन अख्तर की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने ढाका ट्रिब्यून से कहा, “जब तक स्वास्थ्य क्षेत्र विकलांग महिलाओं की विशेष जरूरतों और अधिकारों को हर स्तर पर नहीं समझेगा, तब तक सबको साथ लेकर चलने का सपना साकार नहीं होगा. शहीद सुहरावर्दी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की जनरल पीडियाट्रिक्स विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजन्ता रानी साहा ने कहा, “हमारे देश में सामान्य लोगों के लिए भी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचना मुश्किल है, इसलिए विकलांग लोगों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है.”

विकलांग महिला भी संतान उत्पन्न करने में सक्षम

डॉ. साहा ने कहा, “विकलांग लोगों को अक्सर अलग-अलग तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. इनसे सहानुभूति और समझ के साथ निपटना चाहिए. दुर्भाग्यवश, हमारे कई स्वास्थ्य सेवा प्रदाता विकलांग व्यक्तियों की सेवा के लिए सही ढंग से तैयार नहीं हैं. जब बात महिलाओं की आती है, तो वे पहले से ही और ज्यादा पीछे हैं.” उन्होंने कहा, “एक विकलांग महिला भी संतान उत्पन्न करने में सक्षम महिला होती है. यह एक सच्चाई है जिसे डॉक्टरों को समझना और स्वीकार करना चाहिए. हालांकि, हमारे डॉक्टरों में यह जागरूकता बहुत कम है कि विकलांग महिलाओं को भी प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत होती है.”

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version