ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए नेतन्याहू के खिलाफ चल रही अदालती कार्रवाई को “Political Witch Hunt” कहा. उन्होंने लिखा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस समय नेतन्याहू हमास से शांति वार्ता कर रहे हैं, उसी समय उन्हें कोर्ट के चक्कर काटने पर मजबूर किया जा रहा है. ट्रंप ने पूछा, “ये कैसे हो सकता है कि एक युद्ध नायक और एक महान प्रधानमंत्री को सिगार या गिफ्ट जैसी चीजों के लिए कोर्टरूम में पूरे दिन बैठाया जाए?”
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नेतन्याहू के खिलाफ तीन बड़े केस चल रहे हैं जिन्हें केस 1000, 2000 और 4000 के नाम से जाना जाता है. इन मामलों में उन पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. हालांकि नेतन्याहू ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें बेबुनियाद और ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया है.
ट्रंप ने कहा कि नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु खतरे से निपटने में अमेरिका के साथ मिलकर काम किया और क्षेत्र में शांति के लिए कई प्रयास किए हैं. ऐसे व्यक्ति के साथ इस तरह का व्यवहार इजरायल के लिए नुकसानदायक है. उन्होंने यहां तक कहा कि नेतन्याहू को बचाने वाला अगर कोई है तो वह अमेरिका ही होगा.
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ट्रंप का यह समर्थन उस समय आया है जब नेतन्याहू के खिलाफ मुकदमा मई 2020 से चल रहा है और यह इजरायली इतिहास में पहली बार है कि कोई वर्तमान प्रधानमंत्री आपराधिक मामलों में प्रतिवादी के तौर पर अदालत में पेश हो रहा है. हालांकि, इजरायली कानून में तब तक इस्तीफे की आवश्यकता नहीं होती जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय दोषी करार न दे दे. ट्रंप इससे पहले भी नेतन्याहू के समर्थन में कई बार बयान दे चुके हैं, लेकिन इस बार उनके बयान में साफ तौर पर इजरायली न्याय प्रणाली पर भी सवाल उठाए गए हैं, जिससे दोनों देशों की राजनीति में हलचल तेज हो सकती है.