ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक से की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को ब्रिटेन के अपने समकक्ष ऋषि सुनक से मुलाकात की और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के अपने तीसरे कार्यकाल में भारत-ब्रिटेन रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. दोनों नेताओं ने मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता में हुई प्रगति की समीक्षा की. दोनों नेताओं ने अपुलिया के रिसॉर्ट बोर्गो एग्नाजिया में 50वें जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान गले मिलकर एक-दूसरे का गर्मजोशी से अभिवादन किया. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सुनक ने प्रधानमंत्री मोदी को लगातार तीसरे ऐतिहासिक कार्यकाल के लिए बधाई दी, तो वहीं मोदी ने अगले महीने होने वाले आम चुनाव के लिए ब्रिटेन के लोगों को शुभकामनाएं दीं.
शांति का मार्ग संवाद और कूटनीति से होकर गुजरता है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में विश्वास करता है और शांति का मार्ग संवाद और कूटनीति से होकर गुजरता है. मोदी ने इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से मुलाकात की. मोदी ने जेलेंस्की के साथ बैठक को बहुत उपयोगी बताया और कहा कि भारत, यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक है. पीएम मोदी ने रूस के साथ यूक्रेन के संघर्ष को लेकर कहा कि मैंने यह दोहराया कि भारत मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में विश्वास करता है और यह मानता है कि शांति का मार्ग बातचीत और कूटनीति से होकर गुजरता है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव विनय क्वात्रा वार्ता के दौरान पीएम मोदी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. खबर है कि जेलेंस्की ने पीएम मोदी को रूस के साथ यूक्रेन के संघर्ष के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी.
पोप फ्रांसिस को दिया भारत आने का न्योता
अपने इटली दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्योता दिया और कहा कि वह लोगों की सेवा करने और पृथ्वी को बेहतर बनाने की उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हैं. वहीं, इटली में G7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में पोप फ्रांसिस से पीएम मोदी ने मुलाकात को लेकर मुंबई के आर्कबिशप फादर ओसवाल्ड कार्डिनल ग्रेसियस ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि वे मिले. ऐसी बैठकें मददगार होती हैं और यह हर किसी के लिए एक संकेत है कि पीएम पवित्र पिता का सम्मान करते हैं और उन्होंने जो कहा है उसकी सराहना करते हैं. ऐसी बैठकें पारस्परिक रूप से लाभकारी होती हैं. इससे दुनिया की भलाई के लिए काम करने में कुछ समानता और रुचि का पता चलता है.
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