इन हमलों का दृश्य बेहद भयावह था. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जब इजरायली हमले हुए, उस समय बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे, जो राहत सामग्री पाने के लिए फलस्तीनी पुलिस के पास जमा हुए थे. पुलिस उन लोगों के बीच आटा बांट रही थी, जो पहले लूटपाट में जब्त किया गया था. तभी अचानक हुए हमले ने मौके पर अफरातफरी मचा दी. गाजा में राहत पहुंचाना बेहद मुश्किल हो चुका है. मई के मध्य से इजरायल ने सीमित मात्रा में खाद्य आपूर्ति की अनुमति दी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों द्वारा लाई जा रही सहायता को कई बार सशस्त्र गिरोह लूट लेते हैं. यह गिरोह ट्रकों पर हमला कर खाद्य सामग्री छीन लेते हैं, जिससे जरूरतमंदों तक मदद नहीं पहुंच पाती.
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गाजा की हालत बद से बदतर होती जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक इस युद्ध में 56,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और एक लाख से अधिक लोग घायल हुए हैं. इजरायली हमलों के कारण पूरे इलाके में सिर्फ मलबा ही नजर आता है. बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह से खत्म हो चुकी हैं ना बिजली, ना पानी और ना ही दवा. यह पूरा सैन्य संघर्ष 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के दक्षिणी इजरायल में किए गए भीषण आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था. उस हमले में लगभग 1,200 इजरायली नागरिक मारे गए थे और 251 को बंधक बना लिया गया था. इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई के तहत गाजा में सैन्य अभियान शुरू किया जो अब तक जारी है. इस युद्ध ने गाजा को खंडहर में तब्दील कर दिया है और नागरिकों का जीवन नर्क बन गया है.
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