23 लाख लोगों को मिली राहत
संघर्ष विराम शुरू होने के बाद के घंटों में कहीं से लड़ाई की खबर नहीं है. इस संघर्ष विराम से गाजा के 23 लाख लोगों को राहत मिलेगी जो पिछले कुछ हफ्तों से इजराइल की और से की जा रही बमबारी और मूलभूत जरूरतकी आपूर्ति की कमी से जूझ रहे थे. वहीं चिंताएं इजराइल में भी कम नहीं थीं जहां लोग सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद बंधक बनाए गए लोगों की सलामती को लेकर परेशान हैं. फलस्तीनी अधिकारियों ने कहा कि पहली अदला-बदली में शुक्रवार अपराह्न 39 फलस्तीनी कैदियों – इजराइली बलों पर हमले के लिये हत्या के प्रयास की दोषी कुछ महिलाओं समेत 24 महिलाएं और पथराव जैसे अपराध के लिए जेल में बंद 15 किशोर- को 13 इजराइली बंधकों के बदले रिहा किया जाएगा.
रिहा किये गये 25 बंधक
उस आदान-प्रदान के ठीक पहले, थाई प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन ने बाद में एक ट्वीट में कहा कि 12 थाई नागरिकों को भी रिहा कर दिया गया है. एक इजराइली अधिकारी ने पुष्टि की कि थाई बंदी गाजा छोड़ चुके हैं और इजराइल के रास्ते में हैं जहां उन्हें एक अस्पताल ले जाया जाएगा. अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बात की क्योंकि वह मीडिया के साथ रिहाई पर चर्चा करने के लिए अधिकृत नहीं थी.
चार दिनों का युद्ध विराम
गौरतलब है कि इजराइल और हमास के बीच समझौते के तहत चार दिवसीय युद्ध विराम शुक्रवार से प्रभावी हो गया और इसी के साथ इजराइल में कैद फलस्तीनियों और गाजा में उग्रवादियों द्वारा बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों की अदला-बदली का मंच तैयार हो गया है. युद्ध विराम के कुछ घंटे बाद संघर्ष की कोई खबर नहीं है. इस कूटनीतिक सफलता से गाजा में 23 लाख लोगों के लिए कुछ राहत दिखाई दे रही है, जिन्होंने हफ्तों तक इजराइली बमबारी को सहा है. यह इजराइल में उन परिवारों के लिए भी राहत भरी खबर है जो सात अक्टूबर के हमास के हमले के दौरान बंदी बनाए गए अपने प्रियजनों को लेकर चिंतित हैं.
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