Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच लंबे समय से जारी तनातनी अब एक नए और बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है. 22 जून 2025 को अमेरिका ने इस संघर्ष में सीधी सैन्य एंट्री करते हुए ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइटों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर जबरदस्त हवाई हमला किया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को ‘टारगेटेड स्ट्राइक’ बताते हुए दावा किया कि ईरान की सभी प्रमुख परमाणु सुविधाओं को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है. लेकिन इन दावों के बीच सवाल यह उठता है कि क्या वाकई अमेरिका ने ईरान के सबसे सुरक्षित परमाणु केंद्र फोर्डो को पूरी तरह खत्म कर दिया है?
क्या फोर्डो प्लांट तबाह हो गया?
अमेरिका के दावों के उलट, ईरान ने इन हमलों में किसी बड़े नुकसान से इनकार किया है. ईरानी अधिकारियों के मुताबिक, फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट को समय रहते खाली कर दिया गया था. उन्हें हमले की आशंका पहले से थी, इसलिए वहां से संवेदनशील सामग्री और तकनीकी स्टाफ को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया था. ईरान की मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, फोर्डो को कुछ बाहरी नुकसान जरूर पहुंचा है, लेकिन उसका कोर ढांचा और परमाणु गतिविधियों का प्रमुख तंत्र बचा हुआ है.
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फोर्डो की बनावट और खासियत
फोर्डो न्यूक्लियर फैसिलिटी कोम शहर के पास एक पहाड़ी के नीचे स्थित है. इसे लगभग 80 से 90 मीटर यानी करीब 295 फीट गहराई में बनाया गया है. इसका निर्माण ही इस तरह किया गया था कि यह किसी भी हवाई हमले या बमबारी से बच सके. पश्चिमी खुफिया एजेंसियों को इस साइट के बारे में पहली बार 2009 में जानकारी मिली थी, उससे पहले यह पूरी दुनिया की नजरों से छिपा हुआ था. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) भी मानती है कि फोर्डो की गहराई और किलेबंदी इसे बेहद सुरक्षित बनाती है.
अमेरिका का खतरनाक हथियार GBU-57 बंकर बस्टर
22 जून के हमले में अमेरिका ने अपने सबसे घातक गैर-परमाणु बम GBU-57 MOP (Massive Ordnance Penetrator) का इस्तेमाल किया. इसे आम भाषा में ‘बंकर बस्टर’ कहा जाता है. इसका वजन करीब 13,600 किलोग्राम होता है और यह 60 मीटर मोटी कंक्रीट या 200 फीट मिट्टी को भेदने में सक्षम है. यह बम GPS से निर्देशित होता है और इसे अत्याधुनिक B-2 स्टील्थ बॉम्बर से गिराया जाता है, जो दुश्मन के रडार में आए बिना निशाना साधता है.
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क्या GBU-57 फोर्डो को नष्ट करने के लिए पर्याप्त है?
फोर्डो की गहराई को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि एक या दो बंकर बस्टर बम इसे पूरी तरह नष्ट नहीं कर सकते. हालांकि, एक ही स्थान पर बार-बार हमला करके वहां की चट्टानों को कमजोर किया जा सकता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने इस ऑपरेशन में छह GBU-57 बमों का इस्तेमाल किया. लेकिन क्या ये हमले फोर्डो को पूरी तरह ध्वस्त कर सके, इस पर अभी भी संदेह बना हुआ है क्योंकि अब तक किसी स्वतंत्र एजेंसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
क्यों है फोर्डो अमेरिका और इजरायल के निशाने पर?
फोर्डो की सबसे बड़ी ताकत इसकी अत्याधुनिक सेंट्रीफ्यूज मशीनें हैं, जो यूरेनियम को 60% तक शुद्ध कर सकती हैं. जबकि हथियार-योग्य यूरेनियम के लिए 90% शुद्धता की जरूरत होती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि फोर्डो इस लक्ष्य के बहुत करीब पहुंच चुका था. यही वजह है कि अमेरिका और इजरायल इसे एक रणनीतिक खतरे के रूप में देख रहे थे.
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दावा बनाम हकीकत
डोनाल्ड ट्रंप के दावे के मुताबिक, अमेरिका ने ईरान के परमाणु सपनों को पूरी तरह खत्म कर दिया है. लेकिन ईरानी पक्ष इस बात को नकारता है और कहता है कि वे पहले से हमले के लिए तैयार थे. इस स्थिति में सच्चाई क्या है, यह आने वाले समय में किसी स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच या सैटेलाइट इमेजरी से ही सामने आ सकेगा. लेकिन एक बात तय है कि अमेरिका की इस सैन्य कार्रवाई ने मध्य-पूर्व के हालात को और ज्यादा जटिल और विस्फोटक बना दिया है.
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