Israel Attack Gaza: गाजा में तबाही मचाने पर उतरा इजरायल, 400 से ज्यादा मौतें – हमास की जिद ने फिर छेड़ी जंग!

Israel Attack Gaza: सीजफायर की उम्मीदों के बीच इजरायल ने गाजा पर भीषण हमला किया, जिसमें 400 से ज्यादा लोग मारे गए. हमास द्वारा बंधकों की रिहाई से इनकार के कारण जंग फिर छिड़ गई.

By Aman Kumar Pandey | March 19, 2025 10:08 AM
an image

Israel Attack Gaza: सीजफायर को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच इजरायल ने एक बार फिर गाजा पट्टी पर बड़ा हमला किया है. इस ताजा हमले में 400 से अधिक लोगों की मौत और 500 से अधिक लोग घायल होने की खबर है. सवाल यह है कि जब युद्धविराम को लेकर बातचीत लगभग अंतिम चरण में थी, तो इजरायल ने अचानक इतना आक्रामक कदम क्यों उठाया? इस हमले के पीछे मुख्य वजह बंधकों की रिहाई को लेकर हमास का इनकार बताया जा रहा है.

हमास ने क्यों बढ़ाया तनाव?

यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) को हमास द्वारा बंधकों की रिहाई पर समझौते से इनकार की जानकारी कुछ घंटे पहले ही मिली थी. मध्यस्थों और बातचीत में शामिल टीमों से पता चला कि हमास समझौते के लिए तैयार नहीं है. हमास के डि फैक्टो नेता मोहम्मद सिनवार ने इस समझौते में अड़ंगा डाल दिया और अमेरिकी प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ की ओर से बीते सप्ताह कतर में एक प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसके तहत हमास को 5 जीवित बंधकों और मारे गए बंधकों के शव लौटाने के बदले कुछ हफ्तों के लिए सीजफायर की पेशकश की गई थी. शुक्रवार को हमास ने घोषणा की थी कि वह अमेरिकी नागरिकता वाले IDF सैनिक एडन एलेक्जेंडर को रिहा करने और 4 बंधकों के शव लौटाने को तैयार है, लेकिन यह प्रस्ताव ट्रंप प्रशासन को स्वीकार्य नहीं था.

इसे भी पढ़ें: सुनीता विलियम्स की सफल लैंडिंग, 286 दिन बाद अंतरिक्ष से लौट आई भारत की बेटी

कैसे हुई हमले की योजना?

सोमवार देर रात इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज और IDF के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जामिर के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इसमें इजरायल की सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार ने भी भाग लिया. बैठक में रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख ने “सक्रिय कार्रवाई” की अपील की और अंततः यह निर्णय लिया गया कि गाजा में हमले जारी रहेंगे.

सूत्रों ने अखबार को बताया कि शिन बेट प्रमुख रोनेन बार ने यह सुझाव दिया कि डील में प्रगति नहीं होने पर आक्रामक कदम उठाकर इजरायल पर दबाव डाला जा सकता है. इजरायल को उम्मीद है कि इस हमले के बाद अमेरिका मध्यस्थों पर दबाव बनाएगा और मध्यस्थ हमास को समझौते के लिए तैयार करेंगे. सूत्र ने साफ कहा, “हर कुछ दिनों में हम अपनी प्रतिक्रिया तेज करेंगे. हमास को जागना होगा और समझौते पर सहमति जतानी होगी.”

अमेरिका की प्रतिक्रिया

यूएस नेशनल काउंसिल के प्रवक्ता ब्रायन ह्यू ने अखबार से बातचीत में कहा, “हमास के पास बंधकों को रिहा करके सीजफायर बढ़ाने का मौका था, लेकिन उसने इनकार कर युद्ध का रास्ता चुना.” रिपोर्ट के अनुसार, रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर ने विटकॉफ को सैन्य हमलों के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी.

इसे भी पढ़ें: भारत कब आएंगी सुनीता विलियम्स? बहन ने किया खुलासा 

भारत में इजरायली राजदूत का बयान

भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने मंगलवार को कहा कि हमास ने इजरायल को सैन्य कार्रवाई फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा. ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (AP) के मुताबिक, इजरायल ने मंगलवार को तड़के गाजा पट्टी में कई हवाई हमले किए. यह हमले जनवरी में संघर्षविराम लागू होने के बाद से हमास के ठिकानों पर सबसे बड़े हमले माने जा रहे हैं.

हमास का इनकार और इजरायल की प्रतिक्रिया

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इजरायली राजदूत ने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर हमले के दौरान बंधक बनाए गए 59 शेष लोगों को रिहा करने से इनकार करने और संघर्षविराम के अमेरिकी प्रस्ताव को ठुकराने के कारण इजरायल को यह कदम उठाना पड़ा.

इसे भी पढ़ें: धरती पर सांस लेते ही सुनीता विलियम्स के पैर डगमगाए, देखें वीडियो

इजरायल की रणनीति – दबाव बढ़ाने की कोशिश

विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल अब अमेरिका और अन्य मध्यस्थ देशों पर दबाव बढ़ाकर हमास को समझौते के लिए मजबूर करना चाहता है. इस हमले से इजरायल ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह बंधकों की रिहाई और सीजफायर को लेकर किसी भी कीमत पर हमास की मनमानी को सहन नहीं करेगा.

आने वाले दिनों में बढ़ सकता है तनाव

स्थिति अब बेहद नाजुक हो चुकी है. हमास और इजरायल दोनों ही अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में संघर्ष और भी तेज हो सकता है. अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अमेरिका और अन्य मध्यस्थ देश इस तनाव को कम करने में क्या भूमिका निभाते हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version