Israel Hamas War: हमास नेता इस्माइल हनिया पर 7 किलोग्राम के हथियार से लैस रॉकेट से साधा गया निशाना

Israel Hamas War: हनिया के आवास को निशाना बनाने के लिए सात किलोग्राम के हथियार से लैस रॉकेट का सहारा लिया गया. इस संबंध में ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ ने दी जानकारी

By Amitabh Kumar | August 4, 2024 9:24 AM
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Israel Hamas War: हमास नेता इस्माइल हनिया की मौत के बाद ईरान नाराज है. ईरान के अर्धसैनिक बल ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ की ओर से कहा गया इजराइल ने छोटी दूरी के रॉकेट से हनिया को निशाना बनाया. उसने अमेरिका पर इस हमले में इजराइल का समर्थन करने का आरोप भी लगाया है. सरकारी टेलीविजन चैनल पर इस संबंध में बयान आया है. इसमें ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ ने हनिया की मौत का बदला लेने की बात दोहराई है.

‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ ने कहा कि बुधवार को राजधानी तेहरान में हमास के राजनीतिक प्रमुख हनिया के आवास को निशाना बनाने के लिए सात किलोग्राम के हथियार से लैस रॉकेट का सहारा लिया गया. उसने हमले से बड़े पैमाने पर तबाही मचने का दावा किया. हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि तेहरान में हनिया किस जगह पर रहता था.

Israel Hezbollah War: अमेरिका ने की हनिया की हत्या करवाने में मदद

हनिया ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए ईरान में था. इस वक्त उसकी हत्या कर दी गई. ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ ने कहा, जायोनी शासन ने हमले की योजना बनाई और इसे अंजाम तक पहुंचाया. इस काम में अमेरिका ने उसकी मदद की. उसने धमकी दी कि ‘युद्धोन्मादी और आतंकवादी जायोनी शासन को उचित समय, स्थान और पैमाने पर कठोर सजा मिलेगी.

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इजराइल ने हनिया की हत्या में न तो अपनी भूमिका होने से इनकार किया है, न ही इसे स्वीकार किया है. हालांकि, उसने पिछले साल सात अक्टूबर को उसके दक्षिणी क्षेत्र में हुए अप्रत्याशित हमले के बाद हनिया और अन्य हमास नेताओं को मार गिराने की कसम खाई थी. हनिया की हत्या से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर संघर्ष छिड़ने और तेहरान के जवाबी कार्रवाई करने की सूरत में इजराइल तथा ईरान के सीधी लड़ाई में उलझने की आशंका बढ़ चुकी है.

Israel Iran War: हमास और लेबनाना के हिजबुल्लाह का समर्थन करता है ईरान

अप्रैल में ईरान ने इजराइल को सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन से निशाना बनाने का प्रयास किया था. हालांकि, इजराइल ने इनमें से 99 फीसदी हमलों को नाकाम करने का दावा किया था. ईरान इजराइल को मान्यता नहीं देता है. वह इजराइल विरोधी उग्रवादी समूहों-फिलिस्तीन के हमास और लेबनाना के हिजबुल्लाह का समर्थन करता है.

(इनपुट पीटीआई)

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