आईडीएफ के बयान के अनुसार, जिन ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है, वे इजरायली सीमा से लगे गांवों में स्थित हैं और उत्तरी इजरायल में रहने वाले लोगों के लिए तात्कालिक खतरा हैं. यह हमला राजनीतिक मंजूरी मिलने के बाद शुरू हुआ और इसे हिजबुल्लाह के खिलाफ एक उन्नत स्तर का युद्ध कहा जा रहा है. इससे पहले, अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ सीमित जमीनी अभियान शुरू किया है. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया कि इजरायल ने अमेरिका को सूचित किया है कि यह अभियान सीमा पर हिजबुल्लाह के संसाधनों को नष्ट करने के लिए चलाया जा रहा है.
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इजरायल द्वारा तीन इमारतों को खाली करने के आदेश के बाद लेबनान की राजधानी बेरुत और दक्षिणी उपनगरों में हवाई हमलों की आवाजें सुनी गई हैं. वहां धुएं के गुबार उठ रहे हैं, और माना जाता है कि हिजबुल्लाह की इन क्षेत्रों में मजबूत पकड़ है. हालांकि, अब तक इजरायली सेना और हिजबुल्लाह आतंकियों के बीच सीधी जमीनी मुठभेड़ की खबर नहीं आई है. गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से ही इजरायल और हिजबुल्लाह ने एक-दूसरे पर जवाबी हमले किए हैं, जिसके चलते दोनों देशों में बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हो चुके हैं.
इजरायल ने कहा है कि वह तब तक हिजबुल्लाह पर हमले जारी रखेगा, जब तक कि लेबनान सीमा का क्षेत्र परिवारों के लिए सुरक्षित नहीं हो जाता. वहीं, हिजबुल्लाह ने भी रॉकेट हमले जारी रखने की कसम खाई है. हिजबुल्लाह ने सोमवार को कहा कि भले ही उसके शीर्ष नेता, जैसे हसन नसरल्लाह, अली काराकी और आईआरजीसी के वरिष्ठ कमांडर अब्बास निलफोरुशान मारे जा चुके हैं, लेकिन वह संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा. हिजबुल्लाह के कार्यकारी नेता नईम कासिम ने कहा कि अगर इजरायल जमीनी हमला करने का फैसला करता है, तो प्रतिरोध बल भी तैयार हैं. कासिम ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि इजरायल अपने लक्ष्यों में सफल नहीं होगा और यह लड़ाई हिजबुल्लाह ही जीतेगा. साथ ही, उन्होंने गाजा का समर्थन जारी रखने का वादा किया.
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