इजराइल और हमास के बीच जारी जंग का यह 13वां दिन है. इस जंग की शुरुआत हमास के आतंकियों के द्वारा की गई जिसके जवाबी कार्रवाई में इजराइल ने हमास पर जमकर हमला शुरू कर दिया है. हजारों लोगों की मौत के बीच इजराइल में अभी एक ऐसी सरकार बनी हुई है जिसमें कोई विपक्ष नहीं है.
हालांकि, देश में अभी भी लिकुड पार्टी की सत्ता है जिसके प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू है. लेकिन, देश पर हुए इस घातक हमले के बाद बेंजामिन नेतन्याहू का गठबंधन विपक्षी राजनेताओं के साथ एक आपातकालीन एकता सरकार बनाने पर हुआ है.
ऐसे में विपक्षी नेता और पूर्व रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज समेत चार नेताओं ने सरकार में मंत्रीपद की शपथ ली है. मुख्य विपक्षी नेता, पूर्व प्रधानमंत्री यायर लैपिड और पूर्व रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज, इस्लामी समूह हमास द्वारा शनिवार को किए गए आश्चर्यजनक हमले के बाद एकता सरकार में शामिल होने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए थे.
लेकिन बाद में लैपिड सरकार में शामिल नहीं हुए. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा अपने विपक्षी दलों के साथ युद्ध के समय बने सरकार की घोषणा के बाद कहा गया कि इजरायली सांसदों ने गुरुवार को एक विस्तारित “आपातकालीन सरकार” का समर्थन किया.
काले कपड़े पहने नेतन्याहू ने मतदान से पहले संसद में कहा कि “हम जो एकता स्थापित कर रहे हैं वह बड़ी ताकत का संदेश भेजती है. साथ ही उन्होंने हमास को नष्ट करने की कसम खाई. बता दें कि गैंट्ज़ के पूर्व सहयोगी, विपक्षी नेता यायर लैपिड ने गुरुवार को पहले कहा था कि वह सरकार में शामिल नहीं होंगे.
इजराइल और गाजा आतंकवादियों के बीच शनिवार से चल रही लड़ाई में इजराइल में 1,200 से अधिक लोग और अवरुद्ध फिलिस्तीनी क्षेत्र में 1,350 लोग मारे गए हैं.
नेतन्याहू और गैंट्ज ने एक संयुक्त बयान में घोषणा की कि वे लड़ाई के समय में सेना में शामिल होने के लिए सहमत हुए हैं, और तीन सदस्यीय “युद्ध कैबिनेट” के साथ भी शामिल होंगे जिसमें रक्षा मंत्री योव गैलेंट भी है. बता दें कि नेतन्याहू के अति-दक्षिणपंथी और अति-रूढ़िवादी यहूदी सहयोगी सरकार में बने हुए हैं.
गैंट्ज के साथ अपने समझौते के तहत, प्रधानमंत्री ने कट्टरपंथी सरकार के विभाजनकारी न्यायिक सुधार को रोकने पर सहमति व्यक्त की है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर सड़क पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था – जो देश के इतिहास में सबसे बड़ा था.
बयान में कहा गया, “युद्ध के दौरान, युद्ध से असंबंधित कोई भी बिल या सरकार प्रायोजित प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.” ऐसे में यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इस वक्त इजराइल में युद्ध की स्थिति से निपटने के लिए एक ऐसी सरकार का गठन किया गया है जिसमें विपक्ष के नेता भी मंत्री होंगे.
अब देखना यह भी दिलचस्प होगा कि यह सरकार केवल युद्ध काल के लिए है या उसके बाद भी कुछ ऐसा हो सकता है तो अप्रत्याशित हो. फिलहाल तो इजराइल और हमास के बीच युद्ध में दोनों की तरफ से हमले हो रहे है जिसमें हजारों लोगों की मौत की खबर और तस्वीरें सामने आ रही है.
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