अराक का यह भारी जल रिएक्टर ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 250 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. इस प्रकार के रिएक्टर का उपयोग जहां एक ओर परमाणु रिएक्टर को ठंडा करने के लिए किया जाता है, वहीं यह प्लूटोनियम भी उत्पन्न करता है, जिसका उपयोग परमाणु हथियारों के निर्माण में किया जा सकता है. यही कारण है कि इसे रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जाता है.
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संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने इजराइल से आग्रह किया है कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले से बचें. एजेंसी के मुताबिक, उसके निरीक्षकों ने 14 मई को आखिरी बार अराक रिएक्टर का दौरा किया था.
इस बीच, वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ ने बताया है कि इजराइली हमलों में अब तक ईरान में कम से कम 639 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,329 लोग घायल हुए हैं. मरने वालों में 263 आम नागरिक हैं, जबकि 154 सुरक्षाकर्मी भी मारे गए हैं. यह आंकड़ा इस संघर्ष के मानवीय संकट को दर्शाता है, जो लगातार गंभीर होता जा रहा है. स्थिति को देखते हुए आशंका है कि आने वाले दिनों में इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया जा सकता है, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ सकती है.
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