ब्रिटेन के लिए शनिवार का दिन बेहद खास रहा. बड़े भव्य आयोजन के साथ किंग चार्ल्स III का ब्रिटेन के महाराजा के रूप में राज्याभिषेक किया गया.
महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनकी पत्नी कैमिला शनिवार को लगभग एक हजार साल पुराने धार्मिक समारोह में होने वाले ऐतिहासिक राज्याभिषेक के लिए वेस्टमिंस्टर एबे पहुंचे. वेस्टमिंस्टर एबे 1066 में विलियम द कॉन्करर के बाद से हर ब्रिटिश राज्याभिषेक का स्थान रहा है महाराज चार्ल्स तृतीय और उनकी पत्नी महारानी कैमिला ने भी इस भव्य परंपरा का पालन किया.
शाही जोड़े ने बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर एबे तक की यात्रा की. वे बग्घी में सवार होकर राज्याभिषेक स्थल तक पहुंचे. राज्याभिषेक के बाद चार्ल्स और कैमिला गोल्ड स्टेट कोच में बैठकर राजमहल वापस आये.
कैंटरबरी के आर्चबिशप जस्टिन वेल्बी ने उन्हें राजमुकुट पहनाया. यह मुकुट इंग्लैंड के महाराज की शक्ति का प्रतीक है. इस दौरान हिंदू, सिख, मुस्लिम, बौद्ध और यहूदी समुदायों के धार्मिक नेता एवं प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.
देश के पहले हिंदू प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इस दौरान कुलस्सियों की बाइबिल पुस्तक से संदेश पढ़े. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
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