Magical Plant: सऊदी अरब की मिट्टी को ‘सोना’ बना रहा है ये जादुई पौधा! अब भारत की बारी?

Magical Plant: रेसिडा ल्यूटिया की एक खासियत इसकी गहरी जड़ें हैं, जो मिट्टी को मजबूती से थामे रखती हैं और मृदा अपरदन को रोकती हैं.

By Aman Kumar Pandey | April 11, 2025 7:58 PM
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Magical Plant: भारत में घरों के आंगन में पौधे लगाने की परंपरा बहुत पुरानी है, और आमतौर पर तुलसी जैसे पौधों को प्राथमिकता दी जाती है. लेकिन अब सऊदी अरब का एक खास पौधा पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, जो ना सिर्फ गर्म रेगिस्तानी जमीन को उपजाऊ बना रहा है, बल्कि पर्यावरण और जैव विविधता के लिहाज से भी बेहद उपयोगी साबित हो रहा है. इस पौधे का नाम रेसिडा ल्यूटिया (Reseda lutea) है, जिसे आमतौर पर सफेद मिग्नोनेट या सफेद खड़ी मिग्नोनेट कहा जाता है.

दिलचस्प बात यह है कि यह पौधा मूल रूप से यूरोप और अफ्रीका में पाया जाता है, लेकिन अब यह सऊदी अरब के उत्तरी रेगिस्तानी क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है. यह जुलाई से सितंबर के बीच उगता है और करीब 60 सेंटीमीटर तक लंबा हो सकता है. इसके छोटे-छोटे सफेद फूलों से मधुर सुगंध निकलती है, जो मधुमक्खियों और अन्य परागण करने वाले कीड़ों को आकर्षित करती है. इस वजह से यह पौधा परागण की प्रक्रिया को बेहतर बनाकर जैव विविधता को बढ़ावा देता है.

रेसिडा ल्यूटिया की एक खासियत इसकी गहरी जड़ें हैं, जो मिट्टी को मजबूती से थामे रखती हैं और मृदा अपरदन को रोकती हैं. यह पौधा सूखा और गर्मी सहने में सक्षम है, जिससे यह रेगिस्तानी और अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों के लिए आदर्श बन जाता है.

अमान एनवायर्नमेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष नासर अल-मुजलद के अनुसार, यह पौधा पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बेहद मूल्यवान है और स्थानीय वनस्पति विरासत का अहम हिस्सा बन गया है. इसके चलते सऊदी में इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा मिल रहा है.

औषधीय गुणों की बात करें तो रेसिडा ल्यूटिया का उपयोग परंपरागत रूप से श्वसन तंत्र, पाचन क्रिया और त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता रहा है. इसमें सूजन-रोधी, एंटीसेप्टिक और कफ निस्सारक गुण होते हैं. इसकी खुशबू के कारण इसे इत्र और पोटपुरी में भी प्रयोग किया जाता है, वहीं इसकी पत्तियों से मिलने वाला हल्का पीला-हरा रंग पारंपरिक कपड़ा रंगाई में इस्तेमाल होता है.

भारत के संदर्भ में, यह पौधा राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे सूखा प्रभावित राज्यों में काफी फायदेमंद हो सकता है. इसे लगाने से भूमि कटाव रोका जा सकता है, मरुस्थलीकरण पर नियंत्रण पाया जा सकता है और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकती है. इसके फूल कृषि क्षेत्र में परागण को बढ़ावा देकर फसल उत्पादन में सहायक हो सकते हैं. इसके सौंदर्यात्मक गुणों के कारण इसे सजावटी पौधे के रूप में भी अपनाया जा सकता है. इस तरह, रेसिडा ल्यूटिया भारत में पर्यावरणीय, औषधीय और आर्थिक रूप से एक संभावनाओं से भरपूर पौधा बन सकता है.

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