Maldives News : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत और चीन की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देशों ने मालदीव की कमजोर अर्थव्यवस्था को उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 59वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्होंने कहा कि चीन और भारत ने मालदीव के कर्ज चुकाने में बड़ी मदद की है.
राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा, “मालदीव की जनता की ओर से मैं चीनी और भारतीय सरकारों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने हमारी आर्थिक संप्रभुता और विकास के लिए सहयोग किया है.”
पिछले साल मुइज्जू का रुख था कुछ और!
पिछले साल सत्ता में आए मुइज्जू ने ‘एंटी-इंडिया’ अभियान चलाया था और भारत के 80 सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग की थी. इस साल की शुरुआत में, उन्होंने चीन का दौरा किया और 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें एक सैन्य सहायता समझौता भी शामिल था.
हालांकि, भारत के साथ हुए समझौते के बाद, जिसमें भारतीय सैन्य कर्मियों को बदलने की बात हुई, मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा लिया. उन्होंने भारत द्वारा दी गई 400 करोड़ रुपये की सहायता की सराहना की और कर्ज पुनर्गठन की मांग की.
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मालदीव को आईएमएफ की चेतावनी
आईएमएफ ने मई में चेतावनी दी थी कि मालदीव को कर्ज संकट का सामना करना पड़ सकता है. इसके बाद, मुइज्जू सरकार ने चीन से कर्ज पुनर्गठन की मांग की. शुक्रवार को, मुइज्जू ने कहा कि चीन ने पांच साल के लिए कर्ज अदायगी स्थगित करने की अनुमति दे दी है, जिससे मालदीव को बड़ी राहत मिली है.
पर क्या सच में चीन ने बिना किसी छुपे एजेंडा के मदद की? चीन की चालबाजियों और धूर्तता को देखते हुए, क्या यह बात हजम होती है?
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