Operation Sindoor: ‘हमले से डरा, भारत से गिड़गिड़ाया पाक’; दक्षिण कोरिया की धरती से बोले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद

Operation Sindoor: पाकिस्तान की पोल खोलने और ऑपरेशन सिंदूर का मैसेज पूरी दुनिया को देने के लिए भारत सरकार ने 7 डेलिगेशन को विदेश दौरे पर भेजा है. 51 सांसदों, पूर्वी मंत्रियों और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की टीम 35 देशों का दौरा करेगी. डेलिगेशन का हिस्सा, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और उनकी टीम इस समय दक्षिण कोरिया के दौरे में है. वहां के नेताओं से मुलाकात के बाद सलमान खुर्शीद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की पोल खोल दी.

By ArbindKumar Mishra | May 25, 2025 5:19 PM
an image

Operation Sindoor: डेलिगेशन का हिस्सा, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने दक्षिण कोरिया की धरती से कहा, “दुनिया हमें एक ऐसे देश के रूप में देखते हैं जो वैश्विक स्तर पर एक शीर्ष देश के रूप में उभर रहा है. हम जापान से आगे निकलकर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं, और हम छलांग लगाकर आगे बढ़ रहे हैं. यह ऐसी चीज है जिसे हमें संरक्षित करने की जरूरत है.” सलमान खुर्शीद जिस टीम का हिस्सा हैं, उसकी अगुआई जेडीयू सांसद संजय झा कर रहे हैं.

भारत के आगे गिड़गिड़ाया पाकिस्तान

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, “हमने पाकिस्तान के किसी भी क्षेत्र पर हमला नहीं किया, सिवाय आतंकवादी शिविरों के, और हमने उन पर सटीक हमला किया. अगर उन्होंने हम पर हमला नहीं किया होता, तो हम वहीं रुक जाते, लेकिन उन्होंने हम पर हमला किया, और जब उन्होंने हम पर हमला किया, तो हमने क्या किया? हमने उन प्लेटफार्मों को निष्क्रिय कर दिया, जिनका इस्तेमाल वे हम पर हमला करने के लिए कर रहे थे. हमने उनके हवाई ठिकानों को निष्क्रिय कर दिया. इससे उन्हें स्पष्ट संदेश गया कि आप भारत का सामना नहीं कर सकते, और इसलिए भारत के आगे पाकिस्तान गिड़गिड़ाया. हमें सावधान रहना होगा, यही वजह है कि सरकार ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि हम ऑपरेशन सिंदूर को समाप्त नहीं कर रहे हैं.”

हम विश्व गुरु बनना चाहते हैं : खुर्शीद

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, “हम विश्व गुरु बनना चाहते हैं, हम विश्व मित्र बनना चाहते हैं – यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. हमारे ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और इसलिए संयम भी है…हम इसे अपने निजी अनुभव से जानते हैं, और जम्मू-कश्मीर के लोग जो यहां हैं, वे इसे अपने निजी अनुभव से जानते हैं, लेकिन दुनिया शायद इसे नहीं जानती. जिन देशों ने आतंकवाद का दंश झेला है, उन्होंने अपना रवैया बदल लिया है. लेकिन जिन देशों को आतंकवादियों के हाथों नहीं झेलना पड़ा है, वे उग्रवादियों और आतंकवादियों, स्वतंत्रता सेनानियों और आतंकवादियों के बीच ये भेद करना जारी रखते हैं, और इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारी कहानी जारी रहे.”

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version