ऐसा ही एक मामला लंदन से सामने आया है, जहां 30 साल की एल्ले एडम्स नाम की महिला एक दुर्लभ बीमारी का शिकार हो गई, जिसका कारण उसकी जरूरत से ज्यादा पानी पीने की आदत भी रही. एल्ले की हालत इतनी बिगड़ गई कि वह पिछले 14 महीनों से पेशाब तक नहीं कर पा रही थीं. शुरुआत में उन्होंने इसे मामूली समझा लेकिन जब तकलीफ असहनीय हो गई तो उन्हें अस्पताल जाना पड़ा.
डॉक्टर्स ने जब उनकी जांच की तो पाया कि उनकी पेशाब की थैली में करीब एक लीटर यूरिन अटका हुआ है. इसके कारण उन्हें बहुत तकलीफ हो रही थी और वो खुद से पेशाब नहीं कर पा रही थीं. तत्काल राहत देने के लिए डॉक्टरों ने उन्हें इमरजेंसी कैथेटर लगाया, जिससे पेशाब निकल सका. हालांकि यह एक अस्थायी समाधान था. धीरे-धीरे एल्ले की जिंदगी बदलने लगी. उन्हें अपने रोजमर्रा के कामों में काफी कठिनाई होने लगी क्योंकि अब उन्हें हर बार पेशाब करने के लिए मेडिकल उपकरण का सहारा लेना पड़ रहा था.
करीब आठ महीने के इलाज और निरीक्षण के बाद एल्ले को वापस यूरोलॉजी डिपार्टमेंट भेजा गया, जहां उनकी गंभीर स्थिति का सही कारण पता चला. जांच में पाया गया कि एल्ले को Fowler’s Syndrome नाम की एक दुर्लभ बीमारी है. इस बीमारी में पेशाब की मांसपेशियां अनैच्छिक रूप से सिकुड़ जाती हैं, जिससे व्यक्ति पेशाब नहीं कर पाता. यह बीमारी ज़्यादातर युवा महिलाओं को होती है और इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है.
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अब एल्ले को दिन में कई बार खुद से कैथेटर का इस्तेमाल करना पड़ता है, यानी उन्हें ‘सेल्फ-कैथेटराइजेशन’ सिखाया गया है, जिससे उन्हें कुछ राहत मिलती है. हालांकि यह प्रक्रिया आसान नहीं है, लेकिन यही उनकी जीवनशैली का हिस्सा बन गई है.
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एल्ले की कहानी हमें यह सिखाती है कि शरीर की ज़रूरत को समझना बेहद जरूरी है. पानी जरूर पिएं, लेकिन अपनी सीमा में. जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी गंभीर परिणाम दे सकता है. इसलिए हमेशा संतुलित जीवनशैली अपनाएं और किसी भी शारीरिक बदलाव को नजरअंदाज न करें.
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