भारत और पाकिस्तान की सेना व्यवस्था में अंतर (Pakistan Army Chief Asim Munir Salary)
भारत और पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्थाएं संरचना और संचालन के लिहाज से काफी अलग हैं. भारत में सेना के सर्वोच्च अधिकारी को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) कहा जाता है और वर्तमान में इस पद पर जनरल अनिल चौहान आसीन हैं. वहीं पाकिस्तान में इस तरह का कोई समकक्ष पद नहीं है. पाकिस्तान में थल सेना प्रमुख (Chief of Army Staff) ही सैन्य कमान का सर्वोच्च अधिकारी होता है और वर्तमान में यह जिम्मेदारी जनरल आसिम मुनीर के पास है.
भारत में थल सेना प्रमुख यानी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) का कार्यकाल अधिकतम तीन साल या 62 वर्ष की आयु तक सीमित होता है, जो भी पहले पूरा हो. उनकी नियुक्ति केंद्र सरकार की कैबिनेट अपॉइंटमेंट कमेटी द्वारा की जाती है. पाकिस्तान में भी आर्मी चीफ का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन उसे सरकार द्वारा पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा पाकिस्तान में सेना प्रमुख सिर्फ सैन्य मामलों तक सीमित नहीं रहता. वहां का सेना प्रमुख राजनीति, विदेश नीति, खुफिया एजेंसियों और यहां तक कि आर्थिक मामलों में भी निर्णायक भूमिका निभाता है.
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सैलरी और सुविधाओं की तुलना (Salary)
अगर सैलरी की बात करें तो भारत और पाकिस्तान के सेना प्रमुखों को 2,50,000 रुपये (उनके-अपने देश की मुद्रा में) वेतन मिलता है. लेकिन दोनों की मुद्रा की वैल्यू को ध्यान में रखा जाए तो बड़ा अंतर सामने आता है. भारत के सेना प्रमुख की सैलरी भारतीय रुपये में ही 2.5 लाख है, जो कि लगभग 3,000 अमेरिकी डॉलर के बराबर बैठती है. वहीं पाकिस्तान के सेना प्रमुख की सैलरी भी 2.5 लाख पाकिस्तानी रुपये है, लेकिन यह भारतीय मुद्रा में सिर्फ करीब 75,000 रुपये और डॉलर में लगभग 900 डॉलर के बराबर है.
भारत में सेना प्रमुख को कई सरकारी सुविधाएं मिलती हैं, जैसे कि सरकारी आवास, सुरक्षा गार्ड, ड्राइवर, आधिकारिक वाहन, विशेष भत्ते और बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं. रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन और अन्य लाभ भी मिलते हैं. पाकिस्तान में भी सेना प्रमुख को तमाम सरकारी सुविधाएं मिलती हैं. उन्हें भी आवास, ड्राइवर, चिकित्सा सुविधा, क्लब मेंबरशिप और आधिकारिक वाहन मुहैया कराया जाता है. इसके अलावा पाकिस्तान की सेना के पास कई कारोबारी उपक्रम हैं जैसे डेयरी, ट्रांसपोर्ट और निर्माण कंपनियां, जिनसे सेना के आला अधिकारी, खासकर आर्मी चीफ को अतिरिक्त आय होती है.
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इस प्रकार यह साफ देखा जा सकता है कि भारत और पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्थाएं सिर्फ संरचना और जिम्मेदारियों में ही नहीं, बल्कि कार्यशैली, प्रभाव और पारदर्शिता के स्तर पर भी अलग-अलग हैं. जहां भारत में सेना लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत काम करती है, वहीं पाकिस्तान में सेना और उसका प्रमुख देश की राजनीति और नीति-निर्धारण में खुलकर हस्तक्षेप करते हैं. जनरल आसिम मुनीर इसका ताजा उदाहरण हैं, जिनका नाम न केवल सेना बल्कि आतंकवाद, राजनीति और सत्ता संतुलन से भी जुड़ा हुआ है.