Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने देश की सैन्य नेतृत्व पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने मौजूदा सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को प्रतिशोधी बताते हुए कहा कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ की गई कार्रवाई निजी दुश्मनी का परिणाम है, जिसे जनरल मुनीर ने उनकी आईएसआई प्रमुख पद से बर्खास्तगी के बाद अंजाम दिया.
Imran Khan ने क्या कहा?
इमरान खान ने सोमवार को ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्तार में बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने खुलासा किया कि जब वे प्रधानमंत्री थे और उन्होंने जनरल आसिम मुनीर को इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के महानिदेशक के पद से हटाया था, तो इसके बाद से ही जनरल मुनीर ने व्यक्तिगत नाराजगी पाल ली. खान ने कहा कि मुनीर ने इस मुद्दे पर बातचीत के लिए उनके माध्यम से उनकी पत्नी बुशरा बीबी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बुशरा बीबी ने मिलने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि बुशरा बीबी ने उस समय यह स्पष्ट कर दिया था कि उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.
Asim Munir ने Bushra Bibi को निशाना बनाया
इमरान खान का आरोप है कि उसी समय से जनरल मुनीर ने बुशरा बीबी को निशाना बनाना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी को 14 महीनों से जेल में अन्यायपूर्ण तरीके से रखा गया है और वहां उनके साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है. खान ने कहा, “इतिहास में पाकिस्तान में जब भी तानाशाही रही, तब भी किसी महिला को इस तरह प्रतिशोध की आग में नहीं झोंका गया, जैसा आज किया जा रहा है.”
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इमरान खान ने यह भी दावा किया कि उनकी पत्नी को झूठे आरोपों में फंसाया गया है. उन पर “उकसाने और सहायता करने” जैसे आरोप लगाए गए, लेकिन इन आरोपों को सिद्ध करने के लिए कभी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया. उन्होंने कहा, “बुशरा बीबी एक आम गृहिणी हैं, जिनका किसी राजनीतिक गतिविधि से कोई संबंध नहीं है. फिर भी उन्हें एक के बाद एक कई झूठे मुकदमों में गिरफ्तार किया गया.”
खान ने यह भी बताया कि वह पिछले चार हफ्तों से अपनी पत्नी से मिल भी नहीं पाए हैं, जबकि जेल नियमों के अनुसार उन्हें 1 जून को मुलाकात की अनुमति मिलनी चाहिए थी. उन्होंने अदालत के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर उन्हें पत्नी से मिलने नहीं दिया गया.
9 मई 2023 को Pakistan में क्या हुआ था?
इमरान खान ने 9 मई 2023 की घटनाओं को भी “पूर्व नियोजित साजिश” बताया. उस दिन सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले हुए थे, जिनके लिए खान और उनकी पार्टी को दोषी ठहराया गया था. खान ने कहा कि यह ‘लंदन प्लान’ का हिस्सा था, जिसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ जैसी बड़ी राजनीतिक ताकत को खत्म करना था. इस योजना के तहत, उन्हें, उनके नेताओं और हजारों कार्यकर्ताओं को बिना किसी कानूनी आधार के जेल में डाला गया.
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इमरान खान ने आरोप लगाया कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है और भ्रष्ट नेताओं जैसे नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी को सेना की मदद से सत्ता में बैठाया गया है. उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी पर फासीवादी तरीके से हमला किया गया, हमारे लोगों पर गोलियां चलाई गईं और बेबुनियाद केस बनाकर जेल में डाला गया.”
खान ने न्यायपालिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आतंकवाद रोधी अदालतें और कई जज भी इस दमनकारी अभियान में शामिल हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि बार-बार आग्रह के बावजूद 9 मई की घटनाओं से जुड़े सीसीटीवी फुटेज अब तक जारी नहीं किए गए और अदालतों में पेश नहीं किए गए हैं. उन्होंने कहा, “एक भी जज में इतना साहस नहीं है कि वह उन फुटेज की मांग करे और सबूतों के आधार पर निष्पक्ष निर्णय दे.” अंत में इमरान खान ने घोषणा की कि उनकी पार्टी इस अन्याय के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखेगी और हर मंच पर सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने की मांग करती रहेगी. उनका दावा है कि वे और उनके समर्थक निर्दोष हैं और देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा.
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