Ukraine Conflict: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा- यूक्रेन संघर्ष को लेकर बेहद चिंतित PM मोदी

Ukraine Conflict: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को लेकर गहरी चिंतित हैं.

By Aman Kumar Pandey | September 24, 2024 12:37 PM
an image

Ukraine Conflict: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को लेकर गहरी चिंतित हैं. न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से उनकी हालिया मुलाकात इस संघर्ष के समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. मोदी ने अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के समापन से पहले संयुक्त राष्ट्र के “भविष्य के शिखर सम्मेलन” के दौरान जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की.

मिस्री के अनुसार, यह बैठक यूक्रेन की ओर से अनुरोध किए जाने पर हुई थी. उन्होंने कहा, “शांति का मार्ग तलाशने के लिए वार्ता और कूटनीति का समर्थन हमारे लिए कोई नई बात नहीं है.” मोदी इस संघर्ष को लेकर सिर्फ मानवीय नुकसान के प्रति ही नहीं, बल्कि इसके वैश्विक दक्षिण देशों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति भी चिंतित हैं. बैठक के बाद, मिस्री ने बताया कि इससे हाल की घटनाओं का पुनरावलोकन करने का अवसर मिला. मोदी ने पिछले महीने कीव की अपनी यात्रा और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. जेलेंस्की ने भारत की ओर से इन मुद्दों पर ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री की तारीफ की और उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया.

इसे भी पढ़ें: India को क्यों नहीं मिल रहा वीटो पॉवर, किसने रोका है UNSC में एंट्री का रास्ता अमेरिका या चीन?

यह बैठक तीन महीने के भीतर तीसरी बार हुई है, जिसमें मोदी और जेलेंस्की ने मिलकर युद्ध समाप्ति की संभावनाओं पर चर्चा की. मोदी ने पिछले महीने कीव में जेलेंस्की से मुलाकात की थी, और इससे पहले जुलाई में पुतिन से बात की थी. मिस्री ने बताया कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक प्रगति की सराहना की और भविष्य में निकट संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई. बैठक में यह भी चर्चा हुई कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के स्तर पर अंतर-सरकारी आयोग की बैठक आयोजित की जाए.

मोदी ने अमेरिका में क्वाड नेताओं की बैठक में हिस्सा लिया, बाइडन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, और भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित किया. जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत का तर्क स्वीकार किया गया कि रूसी तेल का आयात युद्ध प्रयासों को बढ़ावा नहीं देता, तो मिस्री ने कहा कि इस बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई.

इसे भी पढ़ें: Holiday: 27 सितंबर को छुट्टी के ऐलान से मची खलबली, बंद रहेंगे सभी सरकारी दफ्तर! जानिए वजह

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है.” उन्होंने यह भी कहा कि बिना शांति के सतत विकास संभव नहीं है. मिस्री ने कहा कि सभी प्रयास युद्ध समाप्त करने के लिए केंद्रित हैं और यह भविष्य ही तय करेगा कि क्या युद्ध समाप्त होगा. महात्मा गांधी के कथन का उल्लेख करते हुए, मिस्री ने कहा कि इस बात पर सहमति बनानी होगी कि शांति ही मार्ग है. उन्होंने विभिन्न प्रक्रियाओं और प्रारूपों पर चर्चा की, जो कि युद्ध समाप्ति के प्रयासों का हिस्सा हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version