भारतीयों के लिए खुशखबरी! सऊदी में घर खरीदना आसान, लेकिन जान लें ये शर्तें

Saudi Arabia Property Buying Rules: सऊदी अरब ने 'विजन 2030' के तहत विदेशी नागरिकों और कंपनियों को संपत्ति खरीदने की अनुमति दी है. जानिए कौन खरीद सकता है प्रॉपर्टी, मक्का-मदीना में क्यों है पाबंदी और क्या हैं नए नियम व शर्तें.

By Govind Jee | August 1, 2025 3:50 PM
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Saudi Arabia Property Buying Rules: सऊदी अरब ने ‘विजन 2030’ के तहत ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पहली बार विदेशी नागरिकों और कंपनियों को देश में संपत्ति खरीदने की अनुमति दे दी है. यह नया कानून जनवरी 2026 से लागू होगा. यह फैसला देश की अर्थव्यवस्था को तेल आधारित निर्भरता से बाहर निकालने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के मकसद से लिया गया है.

कौन-कौन ले सकता है प्रॉपर्टी?

नए नियमों के तहत, सऊदी अरब में वैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिक देश के किसी भी शहर में प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं, बस मक्का और मदीना को छोड़कर. वहीं, जो विदेशी कंपनियां सऊदी में व्यवसाय कर रही हैं, वे अपने कर्मचारियों और दफ्तरों के लिए संपत्ति खरीदने की पात्र होंगी. अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं और विदेशी दूतावास भी, सरकार की अनुमति के बाद, जमीन-जायदाद ले सकेंगे.

Saudi Arabia Property Buying Rules in Hindi: मक्का-मदीना में अब भी सख्ती बरकरार

मक्का और मदीना, इस्लाम के सबसे पवित्र शहर हैं. यहां गैर-मुस्लिमों को आज भी व्यक्तिगत उपयोग के लिए प्रॉपर्टी खरीदने की इजाजत नहीं है. मुस्लिम नागरिकों को भी बेहद खास परिस्थिति और सख्त शर्तों के तहत ही वहां संपत्ति खरीदने की अनुमति दी जाएगी. यह प्रतिबंध धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की रक्षा के लिए लगाए गए हैं.

क्या है नया कानून और उसकी प्रक्रिया?

नए कानून के तहत विदेशी खरीदारों को संपत्ति खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. साथ ही, प्रॉपर्टी ट्रांसफर पर 5% तक शुल्क देना होगा. नियमों का उल्लंघन करने पर सरकार भारी जुर्माना लगा सकती है और संपत्ति जब्त भी कर सकती है. किसी भी विवाद की स्थिति में प्रवर्तन समिति के फैसले के खिलाफ 60 दिनों के भीतर कोर्ट में अपील की जा सकती है. सऊदी सरकार आगामी छह महीनों में विस्तृत गाइडलाइन जारी करेगी, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि किन इलाकों में प्रॉपर्टी खरीदी जा सकती है, आवेदन की प्रक्रिया क्या होगी और किन दस्तावेजों की जरूरत होगी.

सऊदी सरकार इस बदलाव के जरिए विदेशी निवेश को बढ़ावा देना चाहती है ताकि देश की अर्थव्यवस्था केवल तेल पर निर्भर न रहे. साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर को बूम देने की योजना है. यह कदम भारतीय प्रवासियों और विदेशी व्यवसायियों के लिए सुनहरा मौका साबित हो सकता है.

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