श्रीलंका में आपातकाल
देश की 225 सदस्यीय संसद में दो दिन बाद राष्ट्रपति का चुनाव होना है. गौरतलब है कि जन सुरक्षा अध्यादेश के भाग दो के तहत राष्ट्रपति के पास आपातकाल लगाने की शक्तियां हैं. अध्यादेश के इस भाग में लिखा है, अगर राष्ट्रपति का विचार है कि पुलिस हालात को संभाल पाने में विफल है तो वह एक आदेश जारी करके सशस्त्र बलों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कह सकते हैं. इसका तात्पर्य है कि सुरक्षा बलों को छापे मारने, गिरफ्तार करने, जब्त करने, हथियार और विस्फोटकों को हटाने और किसी भी व्यक्ति के आवास में घुसने और तलाशी लेने का अधिकार है. राजपक्षे फिलहाल सिंगापुर में हैं.
श्रीलंका में आर्थिक संकट
देश में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के चलते खाद्य उत्पादों, ईंधन, और दवाओं जैसी आवश्यक वस्तुओं के आयात पर बुरा असर पड़ा है. विदेशी ऋण 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है. इस साल श्रीलंका को 7 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज चुकाना है. श्रीलंका में संकट मार्च में शुरू हुआ, जब चंद लोग एक छोटे से समूह में एकत्र हुए और मिल्क पाउडर और नियमित बिजली आपूर्ति जैसी बुनियादी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन करने लगे. कुछ ही दिन में इस आर्थिक संकट ने विकराल रूप धारण कर लिया और लोगों को ईंधन और रसोई गैस हासिल करने के लिए कई मील लंबी कतारों में इंतजार करने को मजबूर होना पड़ा.
राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल ने प्रसारण बंद किया
श्रीलंका के राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल ने प्रसारण बंद किया गया है. लोग सड़क पर नजर आ रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए हवाई फायरिंग भी की गयी है. हजारों प्रदर्शनकारी संसद भवन के सामने जुट गये हैं.