दूतावास कर्मियों की असाधारण प्रतिबद्धता पर गर्व
जो बाइडन ने एक बयान में कहा- मुझे हमारे उन दूतावास कर्मियों की असाधारण प्रतिबद्धता पर गर्व है, जिन्होंने पूरे साहस और पेशेवर तरीके से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया और सूडान के लोगों के साथ अमेरिका की मित्रता और संबंधों को मूर्त रूप दिया. उन्होंने कहा- मैं हमारी सेना के बेजोड़ कौशल का आभारी हूं, जो उन्हें (दूतावास कर्मियों को) सफलतापूर्वक लेकर आई. बाइडन ने इस अभियान में मदद करने के लिए जिबूती, इथियोपिया और सऊदी अरब को भी धन्यवाद दिया. सूडान में संघर्ष समाप्त होने के कोई संकेत नहीं मिलने के बीच बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा दल ने दूतावास के कर्मियों को वहां से बाहर निकालने की कल सिफारिश की थी, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिकी सशस्त्र बलों को इस संबंध में आदेश दिए थे.
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सूडान के लोगों की इच्छा का सम्मान
जो बाइडन ने कहा- सूडान में जारी त्रासदीपूर्ण हिंसा पहले ही सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान ले चुकी है. यह अनुचित है और इसे रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा- हिंसा में शामिल पक्षों को तत्काल और बिना शर्त संघर्ष विराम लागू करना चाहिए, निर्बाध मानवीय (सहायता) पहुंच की अनुमति देनी चाहिए और सूडान के लोगों की इच्छा का सम्मान करना चाहिए. ऐसा बताया जा रहा है कि दूतावास के कर्मियों को बाहर निकालने का यह आदेश करीब 70 अमेरिकियों पर लागू हुआ.
दूतावास के कर्मियों के लिए एक अस्वीकार्य जोखिम हुआ पैदा
अमेरिकी सेना दूतावास से (लैंडिंग जोन से) इन कर्मियों को एक अनिर्दिष्ट स्थान पर ले गयी. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा संबंधी गंभीर स्थिति के कारण दूतावास में काम-काज रोक दिया है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दूतावास में काम-काज फिर कब शुरू होगा. इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा- इस व्यापक लड़ाई के कारण बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे गए और घायल हुए तथा आवश्यक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा. हमारे दूतावास के कर्मियों के लिए एक अस्वीकार्य जोखिम पैदा हुआ.