तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने यह जानकारी दी है. साथ ही उसने यह कहकर भी सबको चौंका दिया है कि जरूरत पड़ी, तो महिलाओं को भी सेना (Women in New Afghanistan Army) में शामिल किया जायेगा. जबीउल्लाह ने कहा है कि अफगानिस्तान की सरकार एक नयी फौज तैयार कर रही है. इसमें फिदायीन हमलावरों की एक पूरी बटालियन होगी. यह सेना रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करेगी.
तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि फौज को अगर जरूरत महसूस हुई कि महिलाओं को भी सेना में शामिल करना चाहिए, तो उससकी अनुमति भी दी जा सकती है. पुरानी फौज के विशेषज्ञ अगर तालिबान सरकार की सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहेंगे, तो उन्हें भी इसका अवसर देने पर उनकी सरकार विचार करने के लिए तैयार है.
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अफगानिस्तान की एक न्यूज एजेंसी ने रिपोर्ट दी है कि तालिबान हुकूमत अपने कुछ सुसाइड बॉम्बर्स को तजाकिस्तान से सटी सीमा पर तैनात करकने जा रहा है. पिछले दिनों ऐसी रिपोर्ट आयी थी. हालांकि, तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इससे साफ इंकार किया है. न्यूज एजेंसी ने ही लिखा है कि किसी और सूत्र से इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
डूरंड लाइन की कंटीले तारों से घेराबंदी पर पिछले कुछ दिनों से अफगानिस्तान की पाकिस्तान के साथ विवाद जारी है. अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा को डूरंड लाइन कहा जाता है. पाकिस्तान इसे सीमा मानता है. हालांकि, अफगानिस्तान की अब तक की सभी सरकारों ने इससे इंकार किया है. यही वजह है कि तालिबान ने हाल ही में सीमा पर मौजूद तार वाले सभी पीलरों पर बुलडोजर चला दिया था.
Posted By: Mithilesh Jha