अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अफगान विद्रोही तत्वों (तालिबान लड़ाकों) को अपने क्षेत्र का उपयोग करने से पाकिस्तान रोक लगाये. साथ ही अपील करते हुए कहा है कि अफगान विद्रोही तत्वों और तालिबानी लड़ाकों को अपने क्षेत्र के इस्तेमाल की अनुमति ना दें, जो युद्ध और रक्तपात जारी रखने पर जोर देते हैं.
मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ तालिबानी नेताओं की बैठक के बाद वीडियो फुटेज की एक शृंखला सामने आयी है. इसमें तालिबान अपने अनुयायियों के बीच पाकिस्तान में सभी तालिबानी नेताओं के अस्तित्व का खुलासा करते हुए पाकिस्तानी क्षेत्र से गतिविधियां संचालित किये जाने को स्वीकार किया है.
मंत्रालय ने हाल ही में पाकिस्तान के कराची में तालिबानी नेता अब्दुल गनी बरादर को संगठन के सदस्यों को संबोधित करते हुए वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. मालूम हो कि मुल्ला बरादर और तालिबान की बातचीत करनेवाली टीम ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान का दौरा किया था.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में तालिबानी नेता अब्दुल गनी बरादर ने कहा है कि तालिबानी नेतृत्व और पाकिस्तान में तालिबान के मौलवी परिषद के परामर्श से शांति प्रक्रिया को लेकर अंतिम रूप से निर्णय लिये जा रहे हैं. साथ ही बरादर ने कहा कि पाकिस्तान आधारित मौलवी तालिबान पर प्रभाव डालते हैं. बरादार ने कहा है कि तालिबान का शीर्ष नेतृत्व पाकिस्तान में मौजूद है.