Triple Missile Success: ओडिशा और लद्दाख में हुआ परीक्षण
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, अग्नि-1 और पृथ्वी-2 मिसाइलों का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से किया गया. इन परीक्षणों की निगरानी स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) ने की. वहीं आकाश प्राइम का परीक्षण लद्दाख सेक्टर में 15,000 फीट की ऊंचाई पर किया गया, जहां थल सेना के एयर डिफेंस विंग के अधिकारी भी मौजूद थे.
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अग्नि-1 और पृथ्वी-2 की क्षमताएं
अग्नि-1 एक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी गति लगभग 9,000 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह 1,200 किलोमीटर तक सटीक मार कर सकती है. वहीं पृथ्वी-2 की रेंज लगभग 250 से 350 किलोमीटर तक है और यह दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है. दोनों मिसाइलें भारत की रणनीतिक शक्ति को और मजबूती प्रदान करती हैं.
हवा से आने वाले खतरे का जवाब
आकाश प्राइम एक उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम है, जो 30-35 किलोमीटर की रेंज में आने वाले टारगेट को 18 से 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर ही मार गिराने की क्षमता रखता है. इसे जल्दी ही थल सेना की तीसरी और चौथी आकाश रेजिमेंट में शामिल किया जाएगा. इसकी तैनाती से दुश्मन के ड्रोन और लड़ाकू विमानों से निपटना और आसान हो जाएगा.
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ऑपरेशन सिंधुर में साबित हुई भारत की ताकत
इन परीक्षणों से पहले भारत की सेनाएं ऑपरेशन सिंधुर के दौरान अपनी ताकत दिखा चुकी हैं. उस अभियान में आकाश एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के चीनी लड़ाकू विमानों और तुर्की निर्मित ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया था. इससे यह स्पष्ट हो गया था कि भारत का डिफेंस सिस्टम किसी भी चुनौती का मजबूती से जवाब देने में सक्षम है.