UK general election: ब्रिटेन में भारतीय मूल के सांसदों की रिकॉर्ड संख्या

12 सिख सांसदों के साथ ब्रिटेन अब कनाडा के बाद दूसरे स्थान पर है, जहां बड़ी संख्या में पंजाबी प्रवासी रहते हैं और जहां 18 सिख सांसद हैं.

By Prerna Kumari | July 6, 2024 10:20 AM
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UK general election: शुक्रवार को ब्रिटेन की संसद में भारतीय मूल के रिकॉर्ड 28 लोग चुने गए. ऑफ कॉमन्स के लिए 28 में से, छह महिलाएं और 12 सिख के सदस्य चुने गए. सभी सिख सांसद लेबर पार्टी के हैं. इनमें नौ पहली बार चुने गए हैं, दो लगातार तीसरी बार चुने गए हैं और एक दूसरी बार हाउस ऑफ कॉमन्स में पहुंचे हैं. टोरी के पहली बार चुने गए अश्विर संघा को सिख सांसद प्रीत कौर गिल ने हराया. तनमनजीत सिंह ढेसी ने तीसरी बार अपनी सीटें जीतीं. खुद को क्वीर और कैथोलिक सिख मानने वाली नादिया व्हिटोम ने लगातार दूसरी बार नॉटिंघम ईस्ट से जीत हासिल की. ​​23 साल की उम्र में व्हिटोम 2019 में पहली बार चुने जाने पर हाउस ऑफ कॉमन्स में सबसे कम उम्र की सांसद बनी थीं.

ब्रिटिश सांसद में महिलाएं

बोल्टन नॉर्थ ईस्ट से सांसद चुनी जाने वाली पहली महिला ‘किरीथ एनटविस्टल’ बनीं जिन्हें किरीथ अहलूवालिया के नाम से भी जाना जाता है. सोनिया कुमार भी डुडले संसदीय सीट से पहली महिला सांसद बनीं. इसी तरह, हरप्रीत कौर उप्पल ने हडर्सफील्ड संसदीय सीट जीतकर पहली बार संसद में प्रवेश किया. शिवानी राजा ने लीसेस्टर ईस्ट के निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के लिए बढ़त दर्ज की जहां वह भारतीय मूल के लेबर उम्मीदवार राजेश अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं.

पहले कनाडा अब यूके में भारत का परचम

विश्व भर में कनाडा पहला और यूके दूसरे स्थान पर बड़े पंजाबी प्रवासी का घर बन चुका है. जहां कनाडा में 18 सिख सांसद हैं वहीं यूके में अब 12 भारतीय मूल के सिख सांसद हैं.

निवर्तमान प्रधान मंत्री ऋषि सुनक भी यॉर्कशायर में अपने रिचमंड और नॉर्थलेर्टन निर्वाचन क्षेत्र में जीत के साथ, अपनी सीटों पर बने रहने वाले ब्रिटिश भारतीयों के टोरी प्रभार का नेतृत्व कर रहे हैं. अपनी सीटों पर बने रहने वाले अन्य प्रमुख ब्रिटिश भारतीय टोरीज़ में पूर्व गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन, प्रीति पटेल और सुनक की गोवा मूल की कैबिनेट सहयोगी क्लेयर कॉउटिन्हो शामिल हैं. गगन मोहिंद्रा ने कंजर्वेटिव के लिए दक्षिण पश्चिम हर्टफोर्डशायर सीट पर कब्जा बरकरार रखा.

कुल मिलाकर देखा जाए तो लेबर पार्टी में सबसे ज़्यादा भारतीय प्रवासी उम्मीदवार विजयी हुए, जिनमें सीमा मल्होत्रा ​​जैसी पार्टी की दिग्गज नेता शामिल हैं. वॉल्सॉल और ब्लॉक्सविच में, कीथ वाज़ की बहन और गोवा मूल की वैलेरी वाज़ ने जीत हासिल की, जबकि लिसा नंदी ने विगन में जीत हासिल की.

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