‘डॉक्टर बनना था, लेकिन…’ पूर्व सुरक्षाकर्मी ने खोल दिया हाफिज सईद का कच्चा चिट्ठा, कहा- पाकिस्तान में हैं 10 लाख आतंकी

Hafiz Saeed: भारत में सबसे घातक आतंकी हमलों के पीछे हाफिज सईद और उसका संगठन लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार रहा है. 2001 का J&K विस्फोट, 2002 का अक्षरधाम हमला और 2008 के मुंबई हमले इसके उदाहरण हैं. संगठन के एक कार्यकर्ता ने खुलासा किया है कि सईद ने हजारों पाकिस्तानी युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर धकेला है. उसका आरोप है कि सईद राजनीतिक मकसद से युवाओं को ‘राख के युद्ध’ में झोंक रहा है.

By Anant Narayan Shukla | May 10, 2025 11:54 AM
an image

Hafiz Saeed: भारत में आतंकवादी हमलों और सबसे ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार रहा है, वो है नाम है हाफिज सईद. उसका आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा 2001 के जम्मू कश्मीर विधान सभा, गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमला 2002 और सबसे भयावह 2008 के मुंबई हमलों में पूरी तरह से शामिल रहा था. वह भारत में न केवल लोगों की मौत का कारण बना, बल्कि कितने ही नौजवानों को तरक्की की राह से भटका दिया. ऐसी ही एक कहानी बताई है लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के एक पूर्व कार्यकर्ता ने. उसने हजारों पाकिस्तानियों की मौत के लिए आतंकी समूह के प्रमुख हाफिज सईद को जिम्मेदार ठहराया है. उसने आरोप लगाया है कि वह राज्य के राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए युवाओं को ‘राख के युद्ध’ में भेज रहा है. 

एलईटी को ‘मृत्यु पंथ’ करार देते हुए कभी डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखने वाले नूर दाहरी ने बताया कि सईद से प्रभावित होकर लश्कर में शामिल होने के उसके फैसले ने उसके सुनहरे भविष्य को कैसे पटरी से उतार दिया. एक्स अकाउंट पर साझा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ संगठन (ITCT) चलाने वाले दाहरी ने बताया, “मैं अपनी दिवंगत मां की इच्छा के अनुसार डॉक्टर बनना चाहता था, लेकिन मैं अपनी इस महत्वाकांक्षा को पूरा नहीं कर पाया. विश्वविद्यालय की शिक्षा लेने के बजाय, मैंने एक ऐसे व्यक्ति (हाफिज सईद) से प्रभावित होकर लश्कर में शामिल होने का फैसला किया, जिसने मेरे सुनहरे भविष्य को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया.”

एक लंबी पोस्ट में दाहरी ने याद किया कि कैसे उन्हें मुरीदके में सईद की सुरक्षा का काम सौंपा गया था, जहां आतंकी सरगना आराम से रहता था और अपने इस्तेमाल के लिए पीछे की तरफ आरामदायक स्लीपिंग एरिया के साथ संशोधित टोयोटा विगो में यात्रा करता था. उन्होंने कहा कि सईद के उग्र उपदेशों से प्रभावित होकर अनगिनत युवकों को लश्कर में भर्ती किया गया और उन्हें अफगानिस्तान और कश्मीर भेजा गया.

उन्होंने कहा, “हर गुरुवार को देश भर से लगभग 500 लोग कुनार प्रांत में स्थित म’अस्कर तैयबा नामक शिविर में प्रशिक्षण लेने के लिए अफगानिस्तान जाते थे.” उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने के दौरान लश्कर की असली पहचान देखने के बाद उन्होंने इसे छोड़ने का फैसला किया. इस फैसले पर दाहरी ने कहा, “मुझे याद है कि जब लश्कर कमांडरों ने मौत के पंथ से अलग होने के मेरे फैसले के बारे में सुना तो उन्होंने मुझे कायर कहा था.”

दाहरी ने कहा कि लश्कर के पास अब लगभग दस लाख प्रशिक्षित आतंकवादी हैं और यह राज्य के भीतर एक महत्वपूर्ण इकाई के रूप में काम करता है. उन्होंने आगे कहा, “वह राज्य के राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हजारों पाकिस्तानियों को राख के युद्ध में भेजकर उनकी मौत के लिए जिम्मेदार है. मैं अपने जीवन में उसका शर्मनाक अंत देखना चाहता हूं.” उन्होंने कहा कि वह अब सईद की अपेक्षा से बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि ईश्वर ने उन्हें इस्लामवादियों के काले चेहरे को उजागर करने के लिए चुना है.

भारत में आतंक और यह नाम पर्याय बन चुके हैं. युनाइटेड नेशन की तरफ से भी हाफिज सईद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है और इसके संगठन को बैन करने की सिफारिश की गई है. लेकिन पाकिस्तान की ओर से ऊपरी कार्रवाई दिखाकर अंदर ही अंदर पूरा सहयोग करता है. भारत में यह चर्चा एकबार फिर से तूल पकड़ चुकी है, क्योंकि पहलगाम में एकबार फिर आतंकियों ने 26 मासूम पर्यटकों की जान ली है. हालांकि इस बार भारत ने इस अन्याय और आतंक का बदला लेने की ठान ली है. भारत ने इस हमले के जवाब में ऑपरेशन पहलगाम को अंजाम देकर पाकिस्तान के 9 आंतकी ठिकानों को नष्ट किया. इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं. 

पाकिस्तान ने भारत के हमले के बाद से 7-8 मई की रात से लगातार आक्रामक ढंग से ड्रोन हमले किए जा रहे हैं. भारतीय सेना ने इस हमले का मुंहतोड़ जवाब भी दिया है. हमले के कारण भारत ने एहतियातन उत्तरी क्षेत्र के 15 एयरपोर्ट 15 मई तक बंद कर दिए हैं.  

India Pakistan War: पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 ध्वस्त, टैंक और पनडुब्बी भी कर चुका है नष्ट

ऑपरेशन सिंदूर : पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर घुसा भारत, वो भी हवाई क्षेत्र के इंच का भी उल्लंघन किए बिना

India Pakistan War: लाहौर में एक बार फिर दहशत, 1965 में भारतीय सेना ने किया था कब्जा

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version