Donald Trump: आतंकी नेटवर्क पर सख्त थे ट्रंप, फिर पाकिस्तान पर क्यों हो गए नरम?

Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने 19 देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया, लेकिन पाकिस्तान को बाहर रखा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप परिवार की एक फिनटेक कंपनी और पाकिस्तान के बीच हुए व्यापारिक समझौते के कारण यह फैसला लिया गया. इससे अमेरिकी नीति में निजी हितों की झलक मिलती है.

By Aman Kumar Pandey | June 6, 2025 4:02 PM
an image

Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 19 देशों पर यात्रा प्रतिबंध लागू किए हैं. इस सूची में अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कई देश शामिल हैं. इनमें से 12 देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, जबकि सात अन्य देशों पर आंशिक पाबंदियां लगाई गई हैं. पूरी तरह प्रतिबंधित देशों में अफगानिस्तान, म्यांमा, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल हैं. वहीं बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला पर सीमित पाबंदियां लगाई गई हैं.

लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस सूची में पाकिस्तान का नाम नहीं है, जबकि कुछ महीने पहले तक ऐसी चर्चा थी कि उसे भी इस सूची में डाला जाएगा. मार्च में ट्रंप प्रशासन के एक आंतरिक ज्ञापन में यह संकेत मिला था कि पाकिस्तान को भी इस लिस्ट में शामिल किया जा सकता है. मगर अंतिम सूची में से उसका नाम हटा लिया गया. इससे सवाल उठने लगे हैं कि आखिर अचानक यह बदलाव क्यों किया गया?

इसे भी पढ़ें: इलाज के नाम पर 25 बच्चों की किडनी निकाली, देखें वीडियो 

रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बदलाव ऐसे वक्त में किया गया जब पाकिस्तान और ट्रंप से जुड़ी एक अमेरिकी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) के बीच क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन से जुड़े एक बड़े समझौते पर दस्तखत हुए हैं. WLF का ट्रंप परिवार से सीधा संबंध बताया जाता है कि इसमें एरिक ट्रंप, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और जेरेड कुशनर की भागीदारी है. अप्रैल में इस्लामाबाद में जब यह समझौता हुआ, तो WLF के प्रतिनिधिमंडल में ट्रंप के करीबी सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे भी शामिल थे.

इस डेलीगेशन का स्वागत पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व ने किया. आर्मी चीफ आसिम मुनीर, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप प्रधानमंत्री इशाक डार समेत कई मंत्री इस मुलाकात का हिस्सा रहे. यह साफ संकेत था कि यह केवल एक व्यापारिक बैठक नहीं थी, बल्कि इसके राजनीतिक मायने भी हैं.

इसे भी पढ़ें: भूख से हारा पाकिस्तान, परमाणु बम नहीं भर रहा पेट, आधी आबादी गरीबी रेखा से नीचे

गौरतलब है कि ट्रंप 2017-2021 के अपने राष्ट्रपति कार्यकाल में पाकिस्तान को आतंकियों की पनाहगाह कह चुके हैं और उन्होंने सैन्य सहायता में भी भारी कटौती की थी. यहां तक कि पाकिस्तानी अधिकारियों पर वीजा बैन भी लगाया गया था. लेकिन अब जब पाकिस्तान को यात्रा प्रतिबंध की सूची से बाहर रखा गया है, तो यह इशारा करता है कि ट्रंप का रुख व्यापारिक हितों के चलते बदल गया है. यह घटनाक्रम बताता है कि अमेरिका की विदेश नीति में कैसे राजनीतिक और व्यावसायिक समीकरण एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं. पाकिस्तान के प्रति ट्रंप की नरमी के पीछे केवल कूटनीतिक कारण नहीं, बल्कि निजी व्यावसायिक फायदे भी अहम भूमिका निभा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप के स्कैंडल का वीडियो वायरल, एलन मस्क ने लगाया बड़ा आरोप

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version