पहला फैसला
अब जीविका स्वयं सहायता समूहों को 3 लाख रुपये से अधिक के बैंक ऋण पर केवल 7% ब्याज देना होगा, जबकि पहले यह ब्याज दर 10% थी. कम हुए 3% ब्याज का बोझ अब राज्य सरकार खुद उठाएगी. इससे जीविका दीदियों को आर्थिक रूप से राहत मिलेगी, उनकी आमदनी बढ़ेगी और जीवन स्तर बेहतर होगा।
दूसरा फैसला
1.4 लाख जीविका कर्मियों के मानदेय को दोगुना कर दिया गया है. ये कर्मी प्रशासनिक, प्रशिक्षण और अन्य ज़िम्मेदारियां निभाते हैं. सरकार के इस कदम से उनमें उत्साह बढ़ेगा और जीविका संगठन पहले से बेहतर ढंग से काम कर सकेगा.
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योजना से जुडी 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं
गौरतलब है कि 2006 में नीतीश सरकार ने विश्व बैंक की सहायता से जीविका परियोजना की शुरुआत की थी. आज इस योजना से करीब 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं जुड़ चुकी हैं, जो अपने पैरों पर खड़ी हैं और आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है, और ये दोनों फैसले उसी दिशा में एक मजबूत प्रयास हैं.