जनसुराज पार्टी ने भी बढ़ाई सक्रियता
बेतिया विधानसभा क्षेत्र में पिछले एक दशक में राजनीतिक परिदृश्य में कई बदलाव हुए हैं. 2010 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रेणु देवी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. 2015 में कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी ने भाजपा से यह सीट छीन ली थी, लेकिन 2020 में रेणु देवी ने पुनः जीत दर्ज की. 2020 के चुनाव में रेणु देवी को 84,496 वोट मिले, जबकि मदन मोहन तिवारी को 66,417 वोट प्राप्त हुए. बेतिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख राजनीतिक दल हैं. हाल ही में प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने भी क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाई है, जिससे राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की संभावना है.
जनसुराज पार्टी और नए समीकरण
प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने बिहार की राजनीति में नई हलचल मचा दी है. पूर्व भाजपा सांसद उदय सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जिससे पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है. इसके अलावा, नीतीश कुमार के करीबी रहे नेता आरसीपी सिंह भी जनसुराज पार्टी में शामिल हो गए हैं.
क्या हैं बेतिया विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे?
बेतिया क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी एक बड़ा मुद्दा है. सड़कों की जर्जर स्थिति, जलजमाव और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसी समस्याएं लोगों को परेशान कर रही हैं. बेतिया से पखनाहा जाने वाली सड़क की खराब स्थिति के कारण लोगों में नाराजगी है और उन्होंने चुनाव में बदलाव की बात कही है. 2025 की मतदाता सूची के अनुसार, इस क्षेत्र में कुल 27,21,682 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें पुरुष मतदाता 14,32,219 और महिला मतदाता 12,66,797 हैं.
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