Mahua Vidhan Sabha: लालू यादव और तेजस्वी को महुआ से चुनाव लड़कर चुनौती देंगे तेज प्रताप, दिखाया बगावती तेवर
Mahua Vidhan Sabha: लालू यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव ने पार्टी से और परिवार से निकाले जाने के बाद पहली बार बगावती तेवर दिखाया है. उन्होंने अपनी गाड़ी से पार्टी का झंडा हटा दिया है और उस सीट का दौरा किया है जहां से वो 2015 में विधायक चुने गए थे.
By Paritosh Shahi | July 11, 2025 7:50 PM
Mahua Vidhan Sabha: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से बाहर किए जा चुके लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अब पूरी तरह बागी तेवर अपना लिए हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि वे किसी के नियंत्रण में नहीं रहने वाले और आगे की राह जनता की राय से तय करेंगे. हाल ही में तेज प्रताप यादव ने महुआ विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया, जहां से वे 2015 में विधायक रह चुके हैं. इस दौरे में सबसे बड़ा राजनीतिक संदेश यह रहा कि तेज प्रताप की गाड़ी पर अब RJD का झंडा नहीं था, बल्कि एक नया झंडा लहराता दिखाई दिया. उन्होंने खुद को पार्टी से ऊपर रखते हुए कहा, “हम जनता के आदमी हैं, जैसे जनता चाहती है, वैसा ही करेंगे.”
मीडिया के सामने किया बड़ा वादा
मीडिया से बात करते हुए तेज प्रताप ने बताया कि वे महुआ में मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने आए थे. तेज प्रताप ने कहा, “हमने चुनाव में मेडिकल कॉलेज का वादा किया था और वह वादा अब पूरा हो चुका है अगला लक्ष्य है इंजीनियरिंग कॉलेज देना. हम जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं.” उन्होंने आगे कहा कि वे किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे, यह अभी तय नहीं है. लेकिन जहां से जनता बुलाएगी, वहीं से मैदान में उतरेंगे. उनके इस बयान से अटकलें तेज हो गई हैं कि वे 2025 के विधानसभा चुनाव में महुआ से फिर से किस्मत आजमा सकते हैं.
इस कारण सुर्खियों में हैं तेज प्रताप
तेज प्रताप इन दिनों एक निजी विवाद को लेकर भी सुर्खियों में थे, जब उन्होंने अनुष्का यादव के साथ अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की थी और दावा किया था कि वे दोनों 12 साल से एक रिश्ते में हैं. तस्वीर वायरल होते ही उन्होंने पोस्ट डिलीट करते हुए सफाई दी कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया था. इस घटनाक्रम के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया.
उन्होंने तेज प्रताप के व्यवहार को पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों के विरुद्ध बताया था. अब तेज प्रताप न केवल RJD से अलग हो चुके हैं, बल्कि एक स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश में जुट गए हैं. उनका नया अंदाज, बदला हुआ प्रतीक और जनता से सीधा संवाद यही दिखाता है कि आने वाले दिनों में वे बिहार की राजनीति में नए समीकरण गढ़ सकते हैं.