छोटे से गांव से बड़ा सपना
खूंटी जिले के कर्रा ब्लॉक निवासी अभय कुजूर ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल कर न केवल अपने गांव का नाम रोशन किया, बल्कि यह साबित कर दिया कि छोटे शहरों से भी बड़ी उड़ान भरी जा सकती है.
पिता की शहादत, मां की ताकत
अभय के पिता शहीद अविनाश कुमार भारतीय सेना से रिटायर होने के बाद ओडिशा पुलिस से जुड़े और 2009 में नक्सली हमले में वीरगति को प्राप्त हुए. इसके बाद मां सुशीला देवी ने परिवार की बागडोर संभाली और अभय को हर मोड़ पर संबल दिया.
संत जेवियर्स से JPSC तक
अभय की स्कूली पढ़ाई रांची के संत अलोइस और सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल से हुई. उन्होंने संत जेवियर्स कॉलेज से जियोलॉजी में ग्रेजुएशन किया और रांची यूनिवर्सिटी से पीजी. प्रशासनिक अफसरों की कार्यशैली से प्रेरित होकर उन्होंने सिविल सेवा को लक्ष्य बनाया.
दूसरी कोशिश में मिली बड़ी सफलता
अभय ने 2019 से JPSC की तैयारी शुरू की थी. यह उनका दूसरा प्रयास था. उन्होंने पिछली गलतियों को पहचाना और उस पर लगातार मेहनत की. उन्होंने ‘खोरठा’ जैसे चुनौतीपूर्ण वैकल्पिक विषय का चयन कर डेडिकेशन साबित किया.
दिन के 6-8 घंटे सिर्फ पढ़ाई
वे रोजाना 6 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी करते थे. अभय मानते हैं कि कड़ी मेहनत और अनुशासन ही सफलता की कुंजी हैं. झारखंड विषय पर उन्होंने विशेष फोकस किया और सभी विषयों को बराबर महत्व दिया.
“हार नहीं मानी, सिर्फ खुद को बेहतर बनाया”
अभय कहते हैं, “मेरी मां मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं. मैंने तय कर लिया था कि हार नहीं मानूंगा, बस खुद को हर दिन बेहतर बनाना है.” वे अब एक जनसेवक अफसर बनकर समाज में बदलाव लाना चाहते हैं.
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