Akanksha Bajpai Success Story: गर्ल्स हॉस्टल की शेरनी… जब बिना कोचिंग आकांक्षा हो गईं पास, पहले प्रयास में बनीं अधिकारी

Success Story: सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले छात्रों को टॉप रैंक के ऑफिसर की कहानी जरूर पढ़नी चाहिए. पीसीएस ऑफिसर आकांक्षा बाजपेई की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है. बिना कोचिंग उन्होंने UP PCS की परीक्षा क्रैक की है. आइए उनकी स्ट्रैटजी को करीब से जानते हैं.

By Ravi Mallick | June 24, 2025 2:10 PM
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Success Story: सिविल सर्विस जैसी कठिन परीक्षा को पास करने में छात्रों को अक्सर सालों लग जाते हैं. कई तो बड़ी-बड़ी कोचिंगों पर लाखों रुपये खर्च कर देते हैं, लेकिन बुलंदशहर की आकांक्षा बाजपेई ने इन सब धारणाओं को तोड़ते हुए इतिहास रच दिया. बिना किसी कोचिंग के, सिर्फ सेल्फ स्टडी और लाइब्रेरी में पढ़ाई के दम पर उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपी पीसीएस 2022 की परीक्षा पास की और गर्ल्स हॉस्टल में जश्न का माहौल बना दिया.

Success Story of PCS Akanksha Bajpai: प्रयागराज के हॉस्टल में पढ़ाई

आकांक्षा प्रयागराज के एक गर्ल्स हॉस्टल में रहकर परीक्षा की तैयारी करती थीं. उनके पास कोई कोचिंग सपोर्ट नहीं था. वे रोज लाइब्रेरी जाकर घंटों तक पढ़ाई करती थीं और खुद से नोट्स बनाती थीं. हॉस्टल में रहने के दौरान उनकी पढ़ाई को देखकर अन्य लड़कियां भी उनसे मोटिवेट होती थीं. कई बार साथी छात्राएं अपनी पढ़ाई से जुड़े डाउट्स भी आकांक्षा से पूछती थीं. उनका मानना है कि दूसरों को समझाने से खुद की भी समझ मजबूत होती है.

आकांक्षा के दादा स्वतंत्रता सेनानी रह चुके हैं. शायद देश सेवा का बीज वहीं से उनके भीतर पनपा. वे बताती हैं कि पढ़ाई में हमेशा से अव्वल रही हैं, लेकिन कभी यह नहीं सोचा था कि पहला प्रयास ही इतना यादगार बन जाएगा.

UP PCS रिजल्ट आया तो गूंज उठा हॉस्टल

साल 2022 में आकांक्षा ने पहली बार यूपी पीसीएस की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में शानदार सफलता हासिल की. जैसे ही उनका रिजल्ट आया, पूरे हॉस्टल में खुशी की लहर दौड़ गई. लड़कियों ने ढोल-नगाड़ों के बिना ही पूरे हॉस्टल को जश्न में बदल दिया. आकांक्षा को रोजगार अधिकारी के पद पर रैंक 14 प्राप्त हुई.

आकांक्षा का मानना है कि परीक्षा की तैयारी में नोट्स बनाना सबसे जरूरी है. हाथ से लिखे नोट्स से चीजें जल्दी याद होती हैं. साथ ही ब्रेक लेना भी उतना ही जरूरी है. पढ़ाई के बीच छोटे-छोटे ब्रेक्स से मन तरोताजा रहता है और फोकस बना रहता है. वे बताती हैं कि उनका रिजल्ट सबसे पहले उनके दोस्त ने देखा और तुरंत उन्हें बताया. ये पल उनके जीवन के सबसे खास लम्हों में से एक बन गया.

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