नीदरलैंड में सिर्फ 4 दिन का वर्किंग वीक
नीदरलैंड को दुनिया के सबसे बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस वाले देशों में गिना जाता है. यहां लोग औसतन हफ्ते में सिर्फ 32 घंटे काम करते हैं. चार दिन काम करने का चलन बहुत आम है और इसके बावजूद पूरी सैलरी मिलती है. हर साल 20 दिन की छुट्टी मिलती है. मां बनने पर 16 हफ्ते की पेड लीव और पिता को भी एक हफ्ते की छुट्टी मिलती है. अगर ज्यादा छुट्टी चाहिए, तो वो भी मिल सकती है, लेकिन बिना सैलरी के.
नॉर्वे में साल भर की छुट्टी और बोनस भी
नॉर्वे में हफ्ते में औसतन 37.5 घंटे काम किया जाता है. यहां हर साल 5 हफ्ते की छुट्टियां मिलती हैं. इसके अलावा पिछले साल की कमाई पर 10.2% बोनस भी दिया जाता है, जिसे “हॉलिडे मनी” कहा जाता है. अगर ओवरटाइम करना पड़े तो 40% एक्स्ट्रा सैलरी मिलती है, लेकिन साल भर में 200 घंटे से ज्यादा ओवरटाइम की अनुमति नहीं है.
सबसे खास बात यह है कि बच्चे के जन्म पर माता-पिता 49 हफ्तों की पेड लीव ले सकते हैं और चाहें तो 10 हफ्ते बिना सैलरी के और छुट्टी ले सकते हैं.
भारत में स्थिति थोड़ी अलग
भारत में वर्क कल्चर थोड़ा ज्यादा मेहनत वाला है. यहां निजी कंपनियों में लोग हफ्ते में 48 से 72 घंटे तक काम करते हैं. सरकारी नौकरियों में ये समय 35 से 40 घंटे होता है. छुट्टियां भी अलग-अलग होती हैं — आमतौर पर 15 से 20 दिन. मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) भारत में 26 हफ्तों का होता है, जबकि पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) कुछ कंपनियों में 5 से 15 दिन का होता है.
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