Bihar Diwas 2025: शिक्षा के स्तंभ बन चुके 5 महान शिक्षकों की कहानी, जिन्होंने बिहार को दिलाई एक नई पहचान
Bihar Diwas 2025: बिहार दिवस के खास मौके पर जानें बिहार के इन 5 शिक्षकों के बारे में जिन्होंने अपने काम से शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा प्रदर्शन किया है कि आज पूरी दुनिया में इनका नाम है.
By Pushpanjali | March 22, 2025 3:31 PM
Bihar Diwas 2025: हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है. बिहार अपनी ऐतिहासिक विरासत, समृद्ध संस्कृति और विद्वानों की भूमि के रूप में जाना जाता है. साथ ही बिहार इसलिए भी मशहूर है कि हर साल यहां से कई IAS-IPS निकलते हैं. यहां के लोग शिक्षा के प्रति काफी जागरूक हैं. इस खास अवसर पर हम आपको उन पांच शिक्षकों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए बिहार और देश का नाम रोशन किया है. ये शिक्षक सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं. इनकी मेहनत और समर्पण ने हजारों छात्रों को उनके सपनों तक पहुंचाने में मदद की है. बिहार दिवस के मौके पर इन शिक्षकों को सलाम, जिन्होंने बिहार को ‘शिक्षा की भूमि’ के रूप में नई पहचान दिलाई.
अभयानंद – पुलिस अधिकारी से शिक्षक तक का सफर
बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने पुलिस की नौकरी के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दिया. उन्होंने पहले सुपर 30 की स्थापना में आनंद कुमार का साथ दिया, फिर खुद भी छात्रों को मुफ्त में आईआईटी की कोचिंग देने लगे. वे शिक्षा के साथ-साथ समाज सुधार में भी सक्रिय रहे हैं.
खान सर – शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने वाले शिक्षक
खान सर, जो ‘Khan GS Research Centre’ नामक यूट्यूब चैनल चलाते हैं, कम खर्च में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. उनकी अनोखी और मनोरंजक शिक्षण शैली ने उन्हें लाखों छात्रों का चहेता बना दिया है. वे ऑफलाइन कोचिंग भी चलाते हैं, जहां हजारों छात्र हर दिन उनसे पढ़ने आते हैं.
आनंद कुमार – सुपर 30 के संस्थापक
गणितज्ञ आनंद कुमार ने सुपर 30 कोचिंग की शुरुआत कर गरीब और प्रतिभाशाली छात्रों को आईआईटी प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार किया. पैसे की तंगी से जूझ रहे छात्रों को मुफ्त में कोचिंग देकर उन्होंने सैकड़ों युवाओं के सपनों को पंख दिए। उनकी प्रेरणादायक कहानी पर फिल्म भी बन चुकी है.
आरके श्रीवास्तव – ‘गुरुदक्षिणा’ वाले मैथमेटिक्स गुरु
बिहार के रोहतास जिले के आरके श्रीवास्तव, जिन्हें ‘मैथमेटिक्स गुरु’ के नाम से जाना जाता है, अपनी अनोखी शिक्षण शैली के लिए प्रसिद्ध हैं. उन्होंने सैकड़ों छात्रों को आईआईटी और एनआईटी में सफलता दिलाई है. उनकी ‘1 रुपये की गुरु दक्षिणा’ वाली परंपरा शिक्षा में समर्पण का प्रतीक बन चुकी है.
एचसी वर्मा – फिजिक्स के महारथी
एचसी वर्मा की लिखी ‘कॉन्सेप्ट्स ऑफ फिजिक्स’ किताब भारत के हर इंजीनियरिंग और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र की पसंदीदा पुस्तक है. वे अपनी रॉयल्टी को दान कर समाज सेवा में भी योगदान देते हैं. उनकी सरल भाषा और प्रभावी शिक्षण शैली उन्हें छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाती है.