इसलिए की गई नह पहल (CBSE Big Update)
CBSE के अनुसार, पिछले कुछ सालों में बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज तेजी से बढ़ रही है. यह बीमारी पहले सिर्फ बड़ों को होती थी, लेकिन अब बच्चों में भी देखी जा रही है. इसका बड़ा कारण चीनी और जंक फूड का ज्यादा सेवन है.यही वजह है कि शुगर बोर्ड जरूरी है और इसका इसका मकसद है बच्चों को पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड से होने वाली बीमारियों, खासकर डायबिटीज के खतरे से बचाना.
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शुगर बोर्ड से क्या होगा? (CBSE Sugar Board Update)
स्कूलों में सेमिनार और वर्कशॉप होंगे, जिनमें विशेषज्ञ बच्चे और पैरेंट्स को बताएंगे कि अधिक चीनी खाने से क्या नुकसान होता है. स्कूल की दीवारों पर पोस्टर और जानकारी लगाई जाएगी जिसमें बताया जाएगा कि एक दिन में कितनी चीनी खाना सही है. पॉपुलर फूड आइटम्स (जैसे चॉकलेट, जूस, कोल्ड ड्रिंक्स) में कितनी चीनी होती है, इसकी जानकारी दी जाएगी.
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बच्चों को बताई जाएगी हेल्दी डाइट (CBSE Sugar Board Update)
बच्चों को सिखाया जाएगा कि हेल्दी डाइट में क्या-क्या शामिल करें और शुगर की आदत कैसे कम करें. CBSE ने यह भी बताया कि बच्चों की उम्र के हिसाब से उन्हें ज्यादा से ज्यादा 5 प्रतिशत कैलोरी ही चीनी से मिलनी चाहिए. लेकिन आज के बच्चे इससे कई गुना ज्यादा मीठा खा रहे हैं और यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है.
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