Delhi University के सिलेबस से हटेंगे विवादित चैप्टर? जानिए क्या है नया प्रस्ताव

Delhi University: दिल्ली यूनिवर्सिटी के पीजी कोर्स में सिलेबस से विवादित धार्मिक और वैचारिक चैप्टर हटाने की सिफारिश की गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन इसे छात्रों की भलाई से जोड़ रहा है, जबकि शिक्षकों के बीच इस फैसले को लेकर मतभेद उभर रहे हैं.

By Pushpanjali | July 9, 2025 10:04 AM
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Delhi University: दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) एक बार फिर पाठ्यक्रम बदलाव को लेकर चर्चा में है. इस बार विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएट (PG) स्तर पर पढ़ाए जाने वाले राजनीति विज्ञान और इतिहास के कुछ अध्यायों को पाठ्यक्रम से हटाने की सिफारिश की गई है. यूनिवर्सिटी की स्टैंडिंग कमिटी ने ऐसे कुछ चैप्टर हटाने का सुझाव दिया है जिन्हें धार्मिक, वैचारिक या राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जा रहा है.

किन चैप्टरों पर चर्चा?

राजनीति विज्ञान में जिन पाठों को हटाने की सिफारिश की गई है, उनमें शामिल हैं:

  • Hindu Nationalism: A Reader – हिंदू राष्ट्रवाद पर आधारित पुस्तक.
  • In the Belly of the River – नर्मदा आंदोलन और आदिवासी अधिकारों पर केंद्रित.
  • Public Policy in South Asia – आदिवासियों के कथित ‘हिंदूकरण’ का जिक्र.
  • Routine Violence – दक्षिणपंथी विचारधारा और गांधी-सावरकर-गोलवलकर पर टिप्पणी.

इतिहास विषय से जिन पाठों को हटाने की बात चल रही है, उनमें हैं:

  • Sultan Among Hindu Kings – विजयनगर में इस्लामी प्रभाव की चर्चा.
  • The Rise of Islam and the Bengal Frontier – बंगाल में इस्लाम के विस्तार पर आधारित.

पहले भी हटाए गए थे विषय

गौरतलब है कि जून 2025 में भी DU ने ग्लोबल पॉलिटिक्स से पाकिस्तान, चीन और इस्लाम से जुड़े पेपर को पाठ्यक्रम से हटाने का निर्णय लिया था. विश्वविद्यालय का तर्क था कि ये विषय छात्रों में वैचारिक तनाव पैदा कर सकते हैं.

क्या कहता है प्रशासन?

DU प्रशासन का मानना है कि इन विषयों से छात्रों के बीच विवाद या टकराव की स्थिति बन सकती है. इसलिए सकारात्मक शैक्षणिक माहौल बनाए रखने के लिए ये बदलाव जरूरी हैं.

शिक्षकों और छात्रों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

शैक्षणिक जगत इस प्रस्ताव को लेकर दो धड़ों में बंटा दिख रहा है. कुछ शिक्षक इसे अकादमिक स्वतंत्रता पर चोट मानते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि इससे छात्र मानसिक दबाव से बच सकेंगे.

अंतिम निर्णय जल्द

फिलहाल यह सिफारिशें विचाराधीन हैं. यूनिवर्सिटी की अगली बैठक में इस पर औपचारिक फैसला लिया जाएगा.

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