Success Story: “अगर इरादे बुलंद हों, तो मुश्किलें रास्ता नहीं रोक सकतीं.” कुछ ऐसी ही कहानी है IAS सौम्या शर्मा की, जिन्होंने 16 साल की उम्र में सुनने की क्षमता खो दी, लेकिन हार मानने के बजाय देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC को पहले ही प्रयास में शानदार सफलता के साथ पास किया.
दिल्ली की रहने वाली सौम्या शर्मा ने 2017 में सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 9 हासिल कर देशभर को चौंका दिया. सौम्या का जन्म एक डॉक्टर परिवार में हुआ, पिता अशोक शर्मा और मां लीना शर्मा दोनों पेशे से डॉक्टर हैं. पढ़ाई का माहौल घर में शुरू से था, लेकिन 16 की उम्र में जब उनकी श्रवण शक्ति पूरी तरह खत्म हो गई, तो जीवन में एक बड़ा मोड़ आया.
लॉ की पढ़ाई से प्रशासन की राह तक
सुनने की क्षमता चले जाने के बाद भी सौम्या ने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी. उन्होंने दिल्ली से स्कूलिंग के बाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. वहीं पढ़ाई के दौरान उनके मन में UPSC की तैयारी का विचार आया. ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उन्होंने UPSC का फ़ॉर्म भरा और केवल चार महीने की सेल्फ स्टडी में परीक्षा पास कर ली.
बीमारी में भी नहीं रुकी पढ़ाई
सौम्या ने बताया कि वह दिन में 10–15 घंटे घर पर ही पढ़ाई करती थीं. मेन्स परीक्षा के दौरान वे इतनी बीमार थीं कि उन्हें एक दिन में तीन बार सलाइन लगानी पड़ी. बावजूद इसके, उन्होंने पूरे आत्मविश्वास और अनुशासन के साथ तैयारी जारी रखी.
कोचिंग नहीं, आत्म-विश्वास जरूरी
सौम्या मानती हैं कि अगर आपके पास समझ, अनुशासन और समर्पण है, तो सेल्फ स्टडी से भी UPSC जैसे एग्जाम क्रैक किए जा सकते हैं. कोचिंग सिर्फ गाइडेंस के लिए हो सकती है, लेकिन मेहनत और रणनीति आपकी अपनी होनी चाहिए.
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