IIT Placements 2024: भारत के सभी आईआईटी में प्लेसमेंट प्रतिशत में गिरावट आई है
भारत के 23 में से 22 आईआईटी में शैक्षणिक वर्ष 2021-22 और 2023-24 के बीच प्लेसमेंट प्रतिशत में गिरावट देखी गई है. इनमें से आधे से ज्यादा संस्थानों में 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. इसका एकमात्र अपवाद आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी था, जहां प्लेसमेंट में वृद्धि हुई है.
IIT Placement Percentage 2024 in Hindi: पुराने और बड़े आईआईटी में प्लेसमेंट में गिरावट देखी गई है
आईआईटी मद्रास, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर और आईआईटी दिल्ली जैसे नामी संस्थानों में भी 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. वहीं, सबसे ज्यादा गिरावट आईआईटी धारवाड़ में दर्ज की गई, जहां प्लेसमेंट में 25 फीसदी तक की गिरावट आई.
IIT संस्थान | 2021-22 (%) | 2023-24 (%) | गिरावट (%) |
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IIT मद्रास | 85.71 | 73.29 | 12.42 |
IIT बॉम्बे | 96.11 | 83.39 | 12.72 |
IIT कानपुर | 93.63 | 82.48 | 11.15 |
IIT दिल्ली | 87.69 | 72.81 | 14.88 |
IIT धारवाड़ | 90.20 | 65.56 | 24.64 |
समिति ने इस गिरावट को ‘असामान्य’ बताया
संसदीय समिति ने प्लेसमेंट में इस गिरावट पर चिंता जताते हुए इसे ‘असामान्य’ बताया है. उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) में भी इसी तरह की प्रवृत्ति देखी है. समिति ने कई संभावित कारणों को सूचीबद्ध किया है जैसे कि छात्रों का उच्च शिक्षा को प्राथमिकता देना या स्टार्टअप की ओर रुख करना. हालांकि, उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग को छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए उपाय करने का निर्देश दिया है ताकि भविष्य में स्थिति सामान्य हो सके और प्लेसमेंट फिर से बढ़ सकें.
प्लेसमेंट को प्रभावित करने वाले कारक
समिति का मानना है कि प्लेसमेंट दरें बाजार की स्थितियों और उद्योग की जरूरतों से प्रभावित होती हैं. आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में कुछ आईआईटी में प्लेसमेंट में सुधार हुआ, लेकिन बाद के वर्षों में इसमें गिरावट आई. इससे यह स्पष्ट होता है कि आर्थिक स्थिति और उद्योग की मांग सीधे तौर पर प्लेसमेंट को प्रभावित कर रही है. संसदीय समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि –
- उद्योग की जरूरतों के हिसाब से पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाना चाहिए.
- छात्रों के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए.
- नियोक्ताओं के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए.
यहां दी गई जानकारी शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी संसदीय स्थायी समिति द्वारा दी गई है
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