India Pakistan Conflict: उरी, बालाकोट और Operation Sindoor जैसे मिशन के लिए ऐसे तैयार होते हैं जांबाज, जानकर होगा गर्व

India Pakistan Conflict: भारत-पाकिस्तान के बीच जब तनाव बढ़ता है, तब भारतीय सेना के जांबाज उरी, बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मिशनों के ज़रिए आतंक को करारा जवाब देते हैं. इन मिशनों के लिए जवानों को खास ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वे दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे सकें. उनका साहस और समर्पण हर भारतीय को गर्व करने का मौका देता है.

By Shubham | May 9, 2025 10:03 PM
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India Pakistan Conflict in Hindi: सीमा पार जब भी आतंकी गतिविधियों को बढ़ती हैं तो भारतीय सेना अपने शौर्य से मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहती है. जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तनावपूर्ण होते हैं तो भारतीय सेना आतंकियों को जवाब देने के लिए खास ऑपरेशन चलाती है. उरी सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयरस्ट्राइक और हाल ही में हुआ ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) ऐसे ही मिशन हैं. इन मिशनों के लिए पहले से योजना बनाई जाती है और सेना के जवान कड़ी ट्रेनिंग से गुजरते हैं. ऐसे वीर जवान हमेशा देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं और हमें उन पर गर्व होता है. आइए जानते हैं इनकी तैयारी के बारे में विस्तार से.

खास मिशन से मिलता है आतंकवाद को जवाब (India Pakistan Conflict)

रिपोर्ट्से के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी तनाव बढ़ता है तो भारतीय सेना आतंकवाद को जवाब देने के लिए खास ऑपरेशन चलाती है. इनमें सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक भी शामिल है. उरी सर्जिकल स्ट्राइक (2016), बालाकोट एयर स्ट्राइक (2019) और हाल ही का ऑपरेशन सिंदूर (2025) ऐसे ही साहसी मिशनों के उदाहरण हैं. ये ऑपरेशन कई दिनों की प्लानिंग और तैयारी के बाद किए जाते हैं.

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सेना की स्पेशल यूनिट्स (India Pakistan Conflict)

किसी भी मिशन की शुरुआत खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी से होती है. जब आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि होती है तो सेना की स्पेशल यूनिट्स जैसे पैरा कमांडो, एनएसजी और एयरफोर्स की टीम को जिम्मेदारी दी जाती है.

हर हाल में जीतना है मकसद (India Pakistan Tension)

इन जांबाजों को बेहद कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग में उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत किया जाता है. जवानों को बर्फीले इलाकों, दुश्मन की सीमा के भीतर जाकर ऑपरेशन करने और हर स्थिति में सफल होकर लौटने की ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग का लेवल काफी कड़ा होता है और इसके लिए बहादुर जांबाजों को तैयार किया जाता है.

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सिर्फ बदला नहीं… सुरक्षा भी मकसद (India Pakistan Conflict in Hindi)

इन ऑपरेशनों का मकसद सिर्फ आतंकियों को जवाब देना नहीं होता बल्कि देश की सुरक्षा और सम्मान को मजबूत करना होता है. ये जांबाज हर वक्त देश के लिए तैयार रहते हैं. उनका साहस और समर्पण हर भारतीय को गर्व करने का मौका देता है.

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